लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी का पूरी प्रतिबद्धता के साथ निर्वहन कर रही है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति प्रकृति के संरक्षण के प्रति सदैव संवेदनशील रही है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश एवं जर्मन डेवलॉपमेंट एजेंसी के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, ‘‘भारतीय सांस्कृतिक परम्परा में मांगलिक कार्यक्रमों में शांति पाठ में प्रकृति की रक्षा एवं संरक्षण के लिए आह्वान किया जाता है और उपनिषद भी इस बात के लिए प्रेरित करते हैं कि इस सृष्टि में जो कुछ भी उपलब्ध है, उसका उतना ही उपभोग करना चाहिए जितनी हमारी आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों का पालन करते हुए ठोक कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माटी कला बोर्ड के तहत कुम्हारी कला को आगे बढ़ाने के लिए कुम्भकारों को अप्रैल से जून महीने तक तालाब से निःशुल्क मिट्टी निकालने की सुविधा दी गयी, इससे तालाब जल संरक्षण के लिए तैयार हो गये।
योगी ने कहा कि प्रकृति के नजदीक रहने पर प्रतिरोधक क्षमता बेहतर रहती है। सरकार द्वारा आज जारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और विरासत वृक्षों पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक तथा प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में 100 करोड़ पेड़ लगाने से सम्बन्धित एक पुस्तक ‘वृक्षारोपण जनआन्दोलन-2021’ का विमोचन किया।
उन्होंने कार्बन न्यूट्रल पर आधारित एप लांच किया तथा प्रदेश में तीन ईको पर्यटन सर्किट का भी शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान द्वारा दुधवा टाइगर रिजर्व के अंतरराष्ट्रीय मानदण्डों के अनुरूप प्रबन्धन हेतु प्राप्त पुरस्कार सौंपा गया।
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