उत्तराखंड हाईकोर्ट ने महाविद्यालय सभा ज्वालापुर हरिद्वार प्रबंधन समिति से निष्कासित मंत्री यतीश्वरानंद के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद याचिकाकर्ता से 23 नवंबर तक प्रति शपथ पत्र पेश करने को कहा है। तब तक कोर्ट ने स्थगन आदेश को आगे बढ़ा दिया है। मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। मामले के अनुसार महाविद्यालय सभा ज्वालापुर हरिद्वार ने याचिका दायर कर कहा है कि महासभा कई स्कूल एवं कॉलेजों का संचालन करती है। इसके प्रबंधन समिति में स्वामी यतीश्वरानंद मंत्री थे। उन्हें 2018 में प्रबंधन समिति ने हटा दिया था। इस आदेश को यतीश्वरानंद ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। यतीश्वरानंद ने 31 अगस्त 2021 को डिप्टी रजिस्ट्रार कॉपरेटिव सोसाइटी के ऊपर दबाव डालकर महासभा के द्वारा बर्खास्तगी के आदेश को फिर से बहाल करा लिया। डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेश को महासभा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। डिप्टी रजिस्टार के आदेश पर कोर्ट ने पूर्व में रोक लगा रखी है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि इसके बाद भी यतीश्वरानंद अपने को महासभा के मंत्री होने का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इसी मामले में कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर मंत्री यतीश्वरानंद के खिलाफ अवमानना याचिका भी विचाराधीन है। जिसमें सुनवाई 16 नवंबर को होनी है।
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