चमोली। 500 मीटर के लामबगड़ स्लाइड जोन पर दिन-रात काम करने के बाद सफलता हासिल हो पाई है। अब 2022 की यात्रा में यह स्लाइड यात्रियों के लिए सबसे बड़ी राहत देगा। लामबगड़ स्लाइड क्षेत्र में थोड़ी सी बरसात होने पर ही बड़े-बड़े बोल्डर गिरने शुरू हो जाते थे। बरसात के दौरान तो 1 महीने तक स्लाइड के पास बद्रीनाथ हाईवे बंद रहता था। सीमा सड़क संगठन ने भी यहां सड़क बनाने की लाख कोशिश की, लेकिन सफलता हासिल नहीं हो पाई।
हालांकि अब इस समस्या से निजात मिल गया है। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा के दौरान सबसे अधिक आफत लामबगड़ स्लाइड के पास बना रहता था। लगभग एक दशक तक इस स्लाइड जॉन ने तीर्थ यात्रियों को काफी परेशान करके रखा तो वहीं स्थानीय लोग भी कम परेशान नहीं रहे। इस स्लाइड के ट्रीटमेंट का कार्य ऑल वेदर रोड के तहत शुरू किया गया और लगभग 4 सालों तक इस पर काम चला। सीमा सड़क संगठन ने भी यहां सड़क बनाने की लाख कोशिश की, लेकिन सफलता हासिल नहीं हो पाई। बाद में लगभग 119 करोड़ की लागत से ऑल वेदर रोड के तहत इस स्लाइड जॉन का ट्रीटमेंट कार्य पूरा किया गया। 500 मीटर के इस स्लाइड जॉन पर दिन-रात काम करने के बाद सफलता हासिल हो पाई है। अब 2022 की यात्रा में यह स्लाइड यात्रियों के लिए सबसे बड़ी राहत देगा। स्थानीय निवासी जगदीश परमार ने बताते हैं कि लामबगड़ स्लाइड केवल यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों के साथ-साथ सेना के वाहनों के लिए भी राहत देगा। वहीं बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पवार का कहना है कि इस बार की यात्रा में लामबगड़ स्लाइड के ट्रीटमेंट होने पर यात्रा में राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर बड़ा काम किया है, जिससे लोगों को आज राहत मिल रही है और शुगम यात्रा संचालित हो रही है।
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