हरिद्वार: जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (अन्त्योदय एवं प्राथमिक परिवार) के अन्तर्गत राशनकार्डों/यूनिटों का सर्वेक्षण/सत्यापन एवं अवशेष यूनिटों का आधार वेलिडेशन कराते हुए अपात्र परिवारों को योजना से बाहर कर पात्र परिवारों को सम्मिलित किये जाने का ’’अपात्र को ना-पात्र को हां’’ विशेष अभियान के अन्तर्गत अन्त्योदय/प्राथमिक परिवार के राशन कार्डों को 31 मई,2022 तक शासनादेश दिनांक 15 जुलाई,2013, 26 जुलाई,2021 एवं 13 अगस्त,2021 में निहित प्राविधानों- आदिम आदिवासी तथा सीमान्त क्षेत्रों में निवासरत आदिवासी परिवार, ऐसा परिवार जिसका संचालन मुखिया के तौर पर विधा महिला या अकेली महिला करती हो तथा परिवार की कुल मासिक आय रूपये 15000/-से कम हो, ऐसा परिवार जिसका संचालन के तौर पर मुखिया असाध्य रोगों (कुष्ठ, एम०आई०वी०) से पीड़ित व्यक्ति करता हो तथा परिवार की कुल मासिक आय रूपये 15000/-रो कम हो, ऐसा परिवार जिसके किसी भी सदस्य को दिव्यांग पेशन हेतु पात्रता की श्रेणी में रखा गया है तथा परिवार की मासिक आय रूपये 4000/- से कम हो, उन्हें अन्योदय योजना के अन्तर्गत तथा ऐसे परिवार जिनका कोई भी सदस्य दिव्यांग हो एवं उस परिवार की मासिक आय रूपये 15,000/-से कम हो, को प्राथमिक परिवार के अन्तर्गत सम्मिलित किया जाएगा, ऐसा परिवार जिसका संचालन गुख्यिा के तौर पर 60 वर्ष या इससे अधिक आयु वाला व्यक्त्ति कर रहा हो तथा परिवार की कुल मासिक आय रूपये 15,000/- से कम हो, ऐसा परिवार जिसके पास राजस्व अभिलेखों में दर्ज सिंचित भूमि का कुल क्षेत्रफल 2 हेक्टेयर से कम हो अथवा 1 हेक्टेयर सिंचित तथा 2 हेक्टेयर असिंचित से कम हो अथवा कुल क्षेत्रफल 4 हेक्टेयर असिंचित भूमि से कम हो, ऐसे व्यक्ति जो रिवशाचालन, कुली, मजदूर, कूड़ा बिनने वाले, मोची, लोहार, बढ़ई, ग्रामीण दस्तकार, घरों में काम करने वाले सेवक/ सेविका, सफाई कर्मी का कार्य करते हो, ऐसा परिवार जो किसी अन्य किसान के अधीन उसकी भूमि पर खेत जोतता हो, शहरी क्षेत्रों में स्थापित मलिन एवं झुग्गी झोपड़ी में निवासित ऐसी आबादी जो दिनांक 15.07.2013 को जारी शासनादेश की तिथि या उससे पहले उत्तराखण्ड राज्य में उस स्थान पर निवास करता हो, ऐसा परिवार जिसकी वार्षिक आय पर आयकर की देयता न बनती हो, ऐसे सरकारी/ गैर सरकारी कर्मचारी जिनकी मासिक आय रूपये 15000/-से अधिक न हो, ऐसे संचालित संगठन अथवा आश्रम में नियासित ऐसे व्यक्ति जो बेघर हो तथा सामाजिक वर्ग से पृथक होकर उक्त संगठन या आश्रम में रहकर जीवन-यापन करते हों यथा विधवा आश्रम, बाल/महिला सुधार गृह, भिक्षुक गृह, कुष्ठ आश्रम, अनाथ आश्रम, मानसिक रोगों से विक्षिप्तो का आश्रम, विकलांगों का आश्रम एव वृद्धाश्रम, यदि वात्सल्य योजना में चयनित किसी बालक/बालिका के माता एवं पिता दोनों की मृत्यु हो गयी हो अथवा माता/पिता में से किसी एक कमाऊ सदस्य की मृत्यु हो गयी हो तो ऐसी स्थिति में उनका अन्त्योदय श्रेणी के अंतर्गत चयन होगा, यदि वात्सल्य योजना में चयनित किसी बालक/बालिका के माता अथवा पिता में से किसी एक का निधन हो गया हो तो ऐसी स्थिति में उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार अन्त्योदय/प्राथमिक परिवार के अंतर्गत चयन होगा, राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत जारी पीले राशन कार्ड जिनके परिवार की कुल वार्षिक आय ₹500000 तक है वह ही इस कार्ड के पात्र हैं इससे इतर जिनकी आय ₹500000 से अधिक है उन्हें अपने राशन कार्ड समर्पित / जमा करने होंगे, के अन्तर्गत समर्पित करने व अपात्र कार्डधारकों की सूचना प्राप्त करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये हैं।
जिलाधिकारी ने सभी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत सफेद कार्ड एवं अन्योदय गुलाबी कार्ड धारकों , राज्य खाद्य योजना के अन्तर्गत जारी पीले राशन कार्डधारको को सूचित करते हुये कहा है कि यदि कोई व्यक्ति इन योजनाओं की मानक परिधि में नहीं आते हैं, तो वे अपने-अपने राशनकार्डों को पूर्ति निरीक्षक कार्यालय/क्षेत्रीय खाद्य कार्यालय/जिला पूर्ति कार्यालय में जमा करा दें और यदि आप किसी ऐसे व्यक्तियों/परिवारों को जानते हैं, जो अपात्र हैं, तो उसकी सूचना उपरोक्त कार्यालयों एवं हेल्पलाईन नम्बर- 1067 पर उपलब्ध/दर्ज करायंे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई कार्डधारक जांच के दौरान अपात्र पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कठोर कार्यवाही अमल में लायी जाएगी, जिसका उत्तरदायित्व स्वयं राशन कार्डधारक का होगा।
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