December 26, 2024

उत्तराखंड में ब्लैक फंगस का कहर बढ़ा, ब्लैक फंगस का संक्रमण होम आइसोलेशन के मरीजों में भी

देहरादून।

प्रदेश में ब्लैक फंगस अपनी पकड़ बनाता जा रहा है। अभी तक केवल अस्पतालों में भर्ती मरीजों में ही ब्लैक फंगस का संक्रमण मिल रहा था, लेकिन अब होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। उधम सिंह नगर, नैनीताल तथा देहरादून के अस्पतालों में ऐसे कई मरीज भर्ती हैं जो पहले अस्पताल में नहीं रहे फिर भी ब्लैक फंगस के शिकार हो गये।। ऐसे में अब शुगर, कैंसर, एचआईवी तथा प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करने वाली अन्य बीमारियों से ग्रस्त कोरोना से संक्रमितों को सावधानी बरतने की जरूरत है।

उत्तराखंड के तीन जिलों के 10 अस्पतालों में अब तक ब्लैक फंगस के 118 केस मिल चुके हैं तथा इसके 9 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। सबसे अधिक 83 मरीज एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) ऋषिकेश में मिले हैं। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में 17 कारोना मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है।ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के मरीजों की लगातार बढ़ रही तादाद को देखते हुए ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीजों के लिए एम्स, ऋषिकेश में 100 बेड रिजर्व किये हैं। इनमें 10 बेड आईसीयूयुक्त हैं। मरीजों के इलाज विशेषज्ञ डाॅक्टरों की 2 टीमें गठित की गई हैं। इन टीमों में ईएनटी, न्यूरो, नेत्र, डेंटल और माइक्रोबायोलॉजी के डाॅक्टर शामिल हैं।

मामले में जानाकरी देते हुए डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने बताया कि एम्स में ब्लैक फंगस के 77 मरीज भर्ती हैं। कोरोना पाॅजिटिव और निगेटिव मरीजों को अलग-अलग वार्डों में रखा जा रहा है। ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीजों की सर्जरी के लिए अलग-अलग ऑपरेशन थिएटर रिजर्व किए गए हैं।

मिश्रा ने बताया कि एम्स मे में ब्लैक फंगस के मरीजों तादाद लगातार बढ़ रही है। मरीजों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार से दवायें उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।

वहीं म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) ट्रीटमेंट टीम के मुखिया तथा ईएनटी विभाग के सर्जन डाॅ. अमित त्यागी ने बताया कि शुगर के मरीजों को इस बीमारी से विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बिना डाॅक्टर की सलाह के स्टेराॅयड का सेवन शुगर वाले कोरोना मरीजों के लिए बेहद हानिकारक है।