हरिद्वार। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) ने उत्तराखण्ड के पत्रकारों के हित और कल्याण के लिए उन्हें तात्कालिक और अंतरिम राहत प्रदान करते हुए मध्य प्रदेश पैटर्न के अनुसार सुविधाओं का विस्तार करने की मांग की है।
यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजे पत्र में कहा गया है कि उत्तराखण्ड में राज्य सरकार की ओर से पत्रकारों के लिए कई कल्याण योजनाएं चलायी जा रही हैं, तथापि मौजूदा समय में पत्रकारों और उनके आश्रितों के लिए वे पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि पत्रकारों को अपने संस्थानों, समाचार पत्र-पत्रिकाओं से इतना वेतन या पारीश्रमिक नहीं मिलता कि वे अच्छी तरह से अपना घर-परिवार चला सकें। जबकि देश के कई अन्य राज्यों में उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
श्री भट्ट ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि हाल में ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। जिसमें वरिष्ठ एवं बुजुर्ग पत्रकारों को प्रति माह दी जाने वाली सम्मान निधि 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार की जा रही है। सम्मान निधि प्राप्त करने वाले पत्रकार की मृत्यु होने पर उनकी पत्नी को पेंशन के बजाय एक मुश्त 8 लाख की राशि दी जायेगी। जबकि अधिमान्यता निधि प्राप्त पत्रकारों को आवास ऋण ब्याज अनुदान के अंतर्गत अधिकतम ऋण राशि 25 लाख से बढ़ाकर 30 लाख की जा रही है। साथ ही पत्रकारों के बच्चों की शिक्षा के लिए बैंक से ऋण लेने पर उसके ब्याज पर भी 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 साल के लिए सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
श्री भट्ट द्वारा इसी के दृष्टिगत उत्तराखण्ड के पत्रकारों के हित और कल्याण के लिए भी तात्कालिक और अंतरिम राहत प्रदान करते हुए मध्य प्रदेश पैटर्न के अनुसार सुविधाओं का विस्तार करने की मांग की गई है। उनके द्वारा प्रेषित चार सूत्री मांगपत्र में कहा गया है कि उत्तराखण्ड के वरिष्ठ एवं बुजुर्ग पत्रकारों को प्रति माह दी जाने मौजूदा पेंशन राशि 8 हजार से बढ़ाकर दोगुनी करते हुए, 16 हजार की जाए ताकि 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले वरि0 और बुजुर्ग पत्रकारों को जीवनयापन में तकलीफ न हो। साथ ही पेंशन प्राप्त करने वाले पत्रकार की मृत्यु होने पर उनकी पत्नी/
आश्रित को एक मुश्त 8 लाख की राशि प्रदान की जाये। जिससे उन्हें अपने भरण पोषण और जीवनयापन में आसानी हो।
श्री भट्ट ने यूनियन की ओर से मांग की है कि आवास निर्माण करने वाले पत्रकारों के लिए आवास ऋण योजना लागू की जाये और अधिकतम 30 लाख तक, आवास ऋण पर ब्याज अनुदान प्रदान किया जाय। यह मांग भी की गई है कि पत्रकारों के बच्चों की शिक्षा के लिए बैंक से ऋण लेने पर ऋण के ब्याज पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान, 5 साल के लिए सरकार द्वारा वहन किया जाए।
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