December 3, 2024

कालरात्रि माँ भगवती का अति भयावह व उग्र रूप, मातृत्व को समर्पित: स्वामी रामभजन वन

हरिद्वार/ डरबन। नागरी प्रचारिणी सभा विष्णु मंदिर डरबन में चल रहे शारदीय नवरात्रि महोत्सव में श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा का वर्णन करते हुए श्री तपोनिधि पंचायती अखाड़ा निरंजनी के अंतरराष्ट्रीय संत स्वामी रामभजन वन जी महाराज कहा कि देवी माँ के सप्तम रूप का नाम है माँ कालरात्रि और रह माँ भगवती का अति भयावह व उग्र रूप है। सम्पूर्ण सृष्टि में इस रूप से अधिक भयावह और कोई दूसरा नहीं। किन्तु तब भी यह रूप मातृत्व को समर्पित है। देवी माँ का यह रूप ज्ञान और वैराग्य प्रदान करता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म की पताका फहराने वाले शिवोपासना संस्थान डरबन साउथ अफ्रीका के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि
मां कालरात्रि की कथा में दरअसल उन्हें देवी दुर्गा का सातवीं शक्तिशाली और अद्भुत रूप माना जाता है। चंड और मुंड, जो रक्तबीज के सहयोगी थे, अत्यंत शक्तिशाली और खतरनाक राक्षस थे और देवी दुर्गा के लिए उन्हें हराना एक चुनौती बन गया था। यह एक ऐसा समय था जब देवी दुर्गा अपने भक्तों के रक्षा के लिए चिंतित थीं और उन्हें उस साझा धृता से मुक्त करने के लिए किसी विशेष रूप का सहारा लेना पड़ा।
इस गंभीर स्थिति से उबरने के लिए, देवी दुर्गा ने अपने क्रोध और अद्वितीय शक्तियों का संयोग करके मां कालरात्रि का अवतार लिया। कालरात्रि का स्वरूप काला, अत्यंत भयंकर और डरावना है, जो उनके रौद्र रूप को पूरी तरह से दर्शाता है। उनका यह रूप दुष्टों के खात्मे के लिए विशेष रूप से प्रकट हुआ, और इसे देखकर हर कोई भयभीत हो जाता है। उन्होंने कहा कि मां कालरात्रि ने चंड और मुंड के साथ एक युद्ध का सामना किया और अपनी विभूति से उन्हें पराजित किया। इस महाविजय के बाद, देवी कालरात्रि को “चामुंडा” नाम से भी जाना जाने लगा, जो उन्हें उनके विजय स्वरूप के प्रतीक के रूप में दर्शाता है। इस विजयी नाम का उच्चारण करते ही भक्तों में शक्ति और आशा का संचार होता है।
स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को भय और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है, साथ ही उन्हें अद्भुत शक्ति की प्राप्ति होती है। उनका यह स्वरूप देवी दुर्गा की महिमा को दर्शाता है, और भक्तों में समर्पण, साहस और शक्ति का संचार करता है। यह विश्वास भक्तों को न केवल डर का सामना करने के लिए प्रेरित करता है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और साहस से परिपूर्ण करता है, जिससे वे जीवन के कठिन संघर्षों से लड़ने के लिए सक्षम होते हैं।

वीजमंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम: जप से आप माँ दुर्गा के सातवें स्वरुप माँ कालरात्रि की पूजा कर सकते है।