November 14, 2024

uttarakhand bhu kanoon उत्तराखंड को संविधान की 5वीं अनुसूचि में शामिल किया जाए: हरीश रावत

uttarakhand bhu kanoon पहाड़ी आर्मी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए उत्तराखंड को संविधान की 5वीं अनूसूचि में शामिल किया जाना चाहिए। हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में सख्त भू कानून लागू करने के साथ इसे संविधान की 5वीं अनूसूचि में शामिल कराने के लिए पहाड़ी आर्मी संगठन लगातार अभियान चला रहा है। uttarakhand bhu kanoon

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uttarakhand bhu kanoon उन्होंने बताया कि ब्रिटिश सरकार ने 1931 में उत्तर प्रदेश के पर्वतीय जनपदों को ट्राइब स्टेटस दिया था। जिसे बाद में हटा दिया गया और उत्तराखंड बनने के बाद यह दर्जा बहाल नहीं हो सका है। संविधान की 5वीं अनुसूचि में शामिल किए जाने से उत्तराखंड के जल, जंगल और जमीन तो बचेगी ही बल्कि यहां के युवाओं को केंद्रीय शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में 7.5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ भी मिलेगा।

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उत्तराखंड को संविधान 5वीं अनुसूची में शामिल किए जाने से यह पहाड़ के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करेगा। आज जिस तरह से उत्तराखंड के संसाधनों का दोहन हो रहा है, उस पर भी लगाम लगेगी। हरीश रावत ने बताया कि पहाड़ी आर्मी संगठन का विस्तार पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। हरिद्वार में संगठन का गठन करते हुए आदेश मारवाड़ी को जिलाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। संरक्षक जेपी बड़ौनी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की अवधारणा के विपरीत राज्य बन गया है। राज्य के नेता और अधिकारी राज्य के संसाधनों को बर्बाद कर राज्य को कंगाल करने का काम कर रहे हैं। मूल निवास, भू कानून इस पहाड़ी राज्य की आत्मा है। इसको लागू करवाना संगठन की प्राथमिकता है। पत्रकार वार्ता में जेपी बड़ौनी, पर्वतीय बंधु समाज हरिद्वार के अध्यक्ष नरेंद्र चौहान, विनोद नेगी, कमलेश जेठी, प्रमोद नेगी, कपिल शाह, कपिल शर्मा जौनसारी आदि मौजूद रहे।