November 25, 2024

परमार्थ निकेतन में आयोजित मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर का समापन

*👁️दस दिवसीय शिविर में 630 पंजीकरण और 222 मोतियाबिंद के सफल आपरेशन*

*✨भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड, मलेशिया आदि कई देशों से आये नेत्र रोग विशेज्ञषों, नर्सेज़, एनेस्थेटिक, नेत्र सर्जन और ओटी असिस्टेंट ने किया सहभाग*

*💐उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, नजीबाबाद, पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, बैंगलोर आदि अन्य राज्यों से लोग चिकित्सा सुविधाओं का ले रहे लाभ*

*💥मोतियाबिंद आपरेशन शिविर 15 नवम्बर से 24 नवम्बर, 2024 परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश*

ऋषिकेश, 24 नवम्बर। परमार्थ निकेतन में आयोजित मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर का समापन हुआ।

परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में 15 नवम्बर से 24 नवम्बर, 2024 तक आयोजित दस दिवसीय मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर का समापन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस शिविर में कुल 630 पंजीकरण हुए और 222 मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन किए गए। इस शिविर ने केयर नर्सिग कालेज की तृतीय वर्ष की नर्सेज़ ने उत्कृष्ट सहयोग प्रदान किया।

इस शिविर में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड, मलेशिया आदि कई देशों से आए नेत्र रोग विशेषज्ञों, नर्सों, एनेस्थेटिक नेत्र सर्जनों और ओटी असिस्टेंट ने सहभागिता की। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के आशीर्वाद से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सक आकर सेवायें प्रदान करते हैं। यह चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। चिकित्सकों का यह दल विगत 20 वर्षो से लगातार परमार्थ निकेतन आकर अपनी सेवायें दे रहे हैं।

परमार्थ निकेतन द्वारा उच्च कोटी के लैंस, गुणवŸाायुक्त दवाईयां, अत्याधिक उपकरणों के द्वारा ऑपरेशन तथा इस शिविर में सभी रोगियों और उनके सहयोगियों को आश्रम परिसर में रहने और भोजन की उत्तम सुविधा प्रदान की गई। यह सुनिश्चित किया गया कि सभी मरीजों को ऑपरेशन के बाद आवश्यक देखभाल और आराम मिले।

शिविर में उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, नजीबाबाद, पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, बैंगलोर आदि अन्य राज्यों से लोग चिकित्सा सुविधाओं का लाभ लेने के लिए आए।

 

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन का उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग तक उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवा पहुँचाना है। इस शिविर ने न केवल सैकड़ों लोगों को दृष्टि प्रदान की है, बल्कि यह एक बेहतर और स्वस्थ समाज की दिशा में उठाया गया एक बेहतर कदम है।

स्वामी जी ने विशेष रूप से सभी चिकित्सकों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का धन्यवाद किया जिन्होंने अपने मूल्यवान समय और सेवा से इस शिविर को सफल बनाया। उन्होंने कहा, यह आप सभी कि सामूहिक शक्ति और सेवा भावना का परिणाम है कि हम इस प्रकार के शिविरों का आयोजन कर पाते हैं और समाज के जरूरतमंद लोगों की सहायता कर पाते हैं।

शिविर में भाग लेने वाले मरीजों और उनके परिवारों ने आश्रम की उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधाओं और सेवाओं की सराहना की। कई मरीजों ने इस पहल के लिए परमार्थ निकेतन का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस शिविर ने उनकी जिंदगी में एक नया प्रकाश ला दिया है।

विश्व के विभिन्न देशों से आये चिकित्सकों ने कहा कि हम विगत 20 वर्षों से आ रहे हैं। परमार्थ निकेतन आकर अपने घर व अपनेपन का एहसास होता है। पूज्य स्वामी जी दिल खोल कर सभी का स्वागत करते है। उनके प्रेम व आशीर्वाद के कारण ही हमें यहां गंगा जी के तट पर सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी चिकित्सकों और स्वयंसेवकों को धन्यवाद दिया और उनके समर्पण की सराहना की। डॉ. मनोज पटेल, डॉ. पूर्णिमा रॉय, मिलिंद भिड़े, डॉ. जया मधुरी, डॉ. विजयलक्ष्मी, डॉ. संपत, डॉ. योग डॉ. हेतवी भट्ट, डॉ हाउ ट्रंक, डॉ. श्याम चंद परख, डॉ. सेंटन पोननियाह, डॉ. मोनिका कतलीन टेक्सी डॉ. विशाल भटनागर और अंजुला डॉ. विवेक जैन डॉ. विशाल भटनागर, वासवी, विमल रॉय, एलिस क्रॉफ्ट, जेनी मॉरिस, डेविड बटलर, मोनिका मूरी, डोना नॉर्टन, मेरी क्रॉफ्ट, सुनीता हरीश किरण रॉय, जय प्रज्ञा आर्य, गुरु प्रसाद जी, स्वाति, श्रीमती मंजू, श्री भट्ट और श्री इयान, रीकी हेतवीयोला मौरचेड, श्री नीलाई हेमंत सक्सेना, श्रीमती रेनू सक्सेना राकेश, प्रतीमा सक्सेना, निखिल सक्सेना, रत्नेश्वरी टंग्गावेल्लू, श्रीमती थेवरत्नम्मा पोननियाह डॉ. किंशुक बिस्वास, श्रीमती पियाली बिस्वास, श्रीमती महालिंगशिवम महंता और मालिनी, श्रीमती ब्रिजेट हांग फाम, श्री परमालिंगन श्री स्टीफन डीन सिटको और श्रीमती अंजुला भटनागर आदि अन्य चिकित्सकों और सहायक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।