हरिद्वार, 23 दिसम्बर। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि संसद में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब डा.भीमराव अंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी से करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। केंद्रीय गृहमंत्री का बयान अस्वीकार्य और निंदनीय है। उनका बयान डा.अंबेडकर के सम्मान पर चोट है। इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री को तुरंत अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।
प्रैस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए हरीश रावत ने कहा कि देश संविधान 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। ऐसे में संसद केंद्रीय गृहमंत्री की टिप्पणी से भाजपा की डा.अंबेडकर के प्रति कुंठा और मानसिकता उजागर हो गयी है। डा.भीमराव अंबेडकर को भारत के ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के करोड़ों लोग भगवान मानते हैं। गृहमंत्री की टिप्पणी से डा.अंबेडकर का अपमान ही नहीं हुआ। बल्कि इससे करोड़ों लोगों की भावनाएं भी आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के बयान से उनके संगठन की भावना झलकती है। पहले हिन्दू महासभा फिर जनसंघ और अब भाजपा ने डा.अंबेडकर और सविंधान को कभी स्वीकार नहीं किया। सावरकर कहते थे कि यह संविधान स्वीकार करने योग्य नहीं है। देश मनु स्मृति के आधार पर चले। इसे लेकर हिन्दू महासभा ने संविधान व डा.अम्बेडकर के खिलाफ लगातार कैंपेन भी चलाया। हरीश रावत ने कहा कि अमित शाह के बयान से ध्यान हटाने के लिए राहुल गांधी पर केस दर्ज कराया गया। जो कि भाजपा की कुंठित मानसिकता को दर्शाता है। लेकिन कांग्रेस भाजपा की कोशिशों को कामयाब नहीं होने देगी। कांग्रेस हमेशा अंबेडकर के विचारों के साथ खड़ी रही है और आज भी खड़ी है। बाबा साहेब डा.भीमराव अंबेडकर का अपमान करने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस पूरे देश में अभियान चलाएगी।
पूरे देश में कांग्रेस मुख्यालयों से मार्च होगा। पत्रकारवार्ता के दौरान हरीश रावत ने यह भी आरोप लगाया कि डा.अंबेडकर को भारत रत्न देने और ओबीसी आरक्षण लागू करने पर भाजपा ने वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस लिया था। पत्रकारवार्ता के दौरान वीरेंद्र रावत, पूर्व विधायक रामयश सिंह, राजबीर सिंह चौहान, महेश प्रताप राणा, मनीष कर्णवाल, चौधरी किरणपाल बाल्मिीकि, सीपी सिंह, धर्मपाल, चौधरी बलजीत सिंह, अशोक शर्मा, यशवंत सैनी, रविंद्र धीमान, राव आफाक अली, सुनील कुमार सिंह, सुरेशचंद आर्य, नारायण, अमन गौड, अरविन्द शर्मा, तीर्थपाल रवि, संतोष चौहान, फुरकान अली एडवोकेट सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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