January 9, 2025

अपर सचिव की अध्यक्षता में ग्रामोत्थान परियोजना का वार्षिक कार्ययोजना 2024-25 की प्रगति समीक्षा बैठक का सम्पन्न

हरिद्वार। उत्तराखंड ग्राम्य विकास समिति (UGVS – REAP) के परियोजना निदेशक एवं अपर सचिव ग्राम्य विकास, मनुज गोयल सर की अध्यक्षता में 2024-25 के लिए स्वीकृत वार्षिक कार्ययोजना के अंतर्गत कार्यों की प्रगति की समीक्षा हेतु एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में डेप्युटी कमिश्नर ग्राम्य विकास, डेप्युटी डायरेक्टर (HR&M)-UGVS, सभी मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक (डीआरडीए), सभी जिला परियोजना प्रबंधक (ग्रामोत्थान परियोजना) और समस्त जिला स्तरीय अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे ।

बैठक का मुख्य उद्देश्य वार्षिक कार्ययोजना के तहत स्वीकृत लक्ष्यों की प्रगति की समीक्षा करना और पेंडिंग कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने हेतु रणनीतियों पर चर्चा करना था। इस बैठक में अल्ट्रा पुअर पैकेज, शेयर कैपिटल, सीएलएफ के बिजनेस प्लान, फार्म एवं नॉन-फार्म उद्यमों की स्थापना, संग्रहण केंद्रों की स्थिति, वेसाइट सुविधाओं की प्रगति, और जलवायु अनुकूल कृषि प्रशिक्षण के विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक की मुख्य बिंदु:-

1. अल्ट्रा पुअर पैकेज की प्रगति-

बैठक में अल्ट्रा पुअर पैकेज के तहत लक्षित लाभार्थियों तक योजनाओं को पहुंचाने की प्रगति की समीक्षा की गई। इस योजना का उद्देश्य अत्यंत गरीब परिवारों को आय सृजन के साधन उपलब्ध कराने हेतु 35000 ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है ।

2. शेयर कैपिटल (प्रथम और द्वितीय वर्ष)-

शेयर कैपिटल का वितरण और प्रगति की समीक्षा में बताया गया कि कई सीएलएफ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है, लेकिन कुछ स्थानों पर यह कार्य अभी पेंडिंग है। परियोजना निदेशक- UGVS महोदय ने निर्देश दिए कि इस कार्य को शीघ्र पूरा किया जाए ताकि सामुदायिक संस्थानों को सशक्त बनाया जा सके।

3. सीएलएफ के बिजनेस प्लान-

सीएलएफ के बिजनेस प्लान के तहत विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार की स्थापना की योजना बनाई गई है। परियोजना निदेशक ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि सीएलएफ के बिजनेस प्लान व्यावहारिक और दीर्घकालिक हों। इसके लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देने वाले स्टाफ को अधिक प्रभावी ढंग से काम करने के निर्देश दिए गए।

4. फार्म और नॉन-फार्म एंटरप्राइजेज की स्थापना-

बैठक में फार्म और नॉन-फार्म एंटरप्राइजेज के तहत हुए कार्यों की समीक्षा की गई। उद्यमों की स्थापना में किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को सहायता दी जा रही है। सीएलएफ के माध्यम से छोटे उद्योगों, कृषि-आधारित और गैर-कृषि व्यवसायों को बढ़ावा देने की प्रगति पर विशेष ध्यान दिया गया।

5. संग्रहण केंद्रों की प्रगति-

बैठक में यह पाया गया कि पूर्व में निर्मित संग्रहण केंद्रों का उपयोग कुछ क्षेत्रों में संतोषजनक है, जबकि अन्य क्षेत्रों में उनका सही तरीके से उपयोग नहीं हो रहा है। नए संग्रहण केंद्रों के निर्माण की प्रगति भी धीमी है। परियोजना निदेशक ने निर्देश दिए कि इन केंद्रों का उपयोग सुनिश्चित किया जाए और निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए।

6. वे साइट अमेनिटीज की समीक्षा-

वे साइट अमेनिटीज की प्रगति की समीक्षा की गई। यह सुनिश्चित किया गया कि इन सुविधाओं को उच्च गुणवत्ता के साथ समय पर उपलब्ध कराया जाए।

7. किसानों हेतु जलवायु अनुकूल कृषि प्रशिक्षण-

बैठक में किसानों को जलवायु स्मार्ट कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण देने की प्रगति पर चर्चा की गई। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना और किसानों को टिकाऊ खेती के लिए प्रेरित करना है। परियोजना निदेशक ने इस प्रशिक्षण को व्यापक बनाने पर जोर दिया।

8. सीएलएफ स्टाफ के कार्यों की समीक्षा-

सीएलएफ को सशक्त बनाने के लिए नियुक्त चार स्टाफ सदस्यों के कार्यों की समीक्षा की गई। यह पाया गया कि इनका योगदान सराहनीय है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में और सुधार की आवश्यकता है। उन्हें सीएलएफ के बेहतर संचालन और व्यवसायिक सहयोग प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया।

परियोजना निदेशक द्वारा दिए गए निर्देश:-

1. समस्त सीएलएफ और उनके स्टाफ की समीक्षा-

परियोजना निदेशक ने सभी सीएलएफ और उनके स्टाफ के कार्यों की गहन समीक्षा करने के निर्देश दिए। इसके तहत सीएलएफ के कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।

2. सीएलएफ को उद्यम स्थापना में सहयोग-

सीएलएफ को उद्यम स्थापित करने में निरंतर सहयोग प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। इसके लिए बाजार उपलब्ध कराने, वित्तीय प्रबंधन, और विपणन में मदद करने के निर्देश दिए गए।

3. पेंडिंग कार्यों को शीघ्र पूर्ण करना-

जो कार्य अभी तक अधूरे हैं, उन्हें शीघ्रता से पूरा करने के लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया। इसके लिए समयबद्ध योजना तैयार करने और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

इस बैठक ने 2024-25 के वार्षिक कार्ययोजना के कार्यों की प्रगति की समग्र तस्वीर प्रस्तुत की। परियोजना निदेशक के नेतृत्व में किए गए दिशा-निर्देशों का उद्देश्य सभी लक्ष्यों को समय पर पूरा करना, ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देना, और ग्रामोत्थान परियोजना के तहत सामुदायिक संस्थानों को सशक्त बनाना है।

आगामी समय में सीएलएफ और उद्यमों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। परियोजना के तहत स्वीकृत योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया जा सकेगा, बल्कि सामुदायिक संस्थानों को भी आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।