पिथौरागढ़।जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में वनाग्नि की रोकथाम हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक जिला कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस प्रशासन एवं अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में जिलाधिकारी ने वन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए सामुदायिक सहभागिता आवश्यक है और इसके लिए ग्राम पंचायतों, वन समितियों, वन पंचायत सरपंचों एवं स्वयंसेवी संगठनों को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, उन्होंने कहा कि अधिकांशत वनाग्नि की समस्या मानव जनित होती है इसलिए उन्होंने वन विभाग को वन क्षेत्र में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए तथा आग लगने की घटनाओं पर शीघ्र प्रतिक्रिया करने हेतु आपातकालीन कंट्रोल रूम स्थापित करने तथा स्थानीय समुदायों को जागरूक करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान, जागरूकता रैली आदि चलाने के निर्देश दिए जिससे आम जनमानस को वन अपराध की पूर्ण जानकारी मिल सके।
उन्होंने वन विभाग को वनाग्नि की रोकथाम हेतु आधुनिक तकनीकों एवं उपकरणों का उपयोग करने पर जोर दिया तथा नए उपकरणों की खरीद के लिए धनराशि आवंटित करने के निर्देश दिए एवं फायर लाइन कटिंग एवं अन्य रोकथाम उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
जिलाधिकारी द्वारा वन विभाग को अग्नि सुरक्षा समितियों के गठन करने तथा क्रू स्टेशनों पर फायर वाचर एवं पर्याप्त उपकरण रखने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि वे जनपद के प्रत्येक विद्यालय में आगामी 10 मार्च तक प्रातः प्रार्थना सभा के समय विद्यार्थियों को वन संपदा की सुरक्षा हेतु शपथ दिलाने एवं विभिन्न उदबोधन कार्यक्रम संचालित किए जाएं, उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों के द्वारा जागरूकता फ़ैलायी जाए किंतु वनअग्नि के समय उन्हें उसे क्षेत्र से बहुत दूर रखा जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को अति संवेदनशील गांवों की सूची तैयार करने एवं ग्राम प्रहरियों से बैठक करने के साथ ही उनके दूरभाष नंबर वितरित करने के निर्देश दिए तथा संबंधित गांव के ग्राम प्रहरी को वानग्नि वाले मौसम यानी तीन माह के लिए अतिरिक्त मानदेय देने की बात कही।
जिलाधिकारी द्वारा सभी फील्ड लेवल अधिकारियों जनता एवं सभी अधिकारियों को फॉरेस्ट फायर मॉनिटरिंग ऐप डाउनलोड करने का सुझाव दिया इसके साथ-साथ उन्होंने प्रत्येक विकासखंड स्तर पर वन पंचायत समिति बनाए जाने के निर्देश दिए जिससे वनाग्नि के समय क्षेत्रीय जनमानस का सहयोग प्रशासन को मिल पाए।
उन्होंने प्रभागीय वन अधिकारी को वन पंचायत स्तर पर भी बीमा कराने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी द्वारा स्थानीय युवा मंगल दल, महिला मंगल दल आदि स्वयंसेवी संगठनों द्वारा वन अग्नि काल में उत्कृष्ट कार्य करने पर उन्हें शीघ्र पुरष्कृत करने का सुझाव दिया गया, उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे वन संरक्षण में सहयोग करें और यदि कहीं आग लगने की सूचना मिले तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। बैठक में उपस्थित अधिकारियों को आपस में समन्वय बनाते हुए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि वनाग्नि रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
बैठक में डीएफओ आशुतोष सिंह ने जिलाधिकारी को आगमी फॉरेस्ट फायर सीजन के दौरान किए जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फॉरेस्ट फायर सीजन आगामी 15 फरवरी से 15 जून तक रहता है। इस दौरान फॉरेस्ट फायर की सर्वाधिक घटनाओं की भी संभावना जनपद में बनी रहती है। जिसकी पूर्व तैयारी भी विभाग द्वारा कर ली गई है। जिलाधिकारी ने वानाग्नि रोकथाम जनजागरूकता वाहन को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह, कमांडेंट एसएसबी,आइटीबीपी व कुमाऊं रेजिमेंट के अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
More Stories
जनपद में 26 फरवरी से होगी एस0आई0एस0 सुरक्षा जवान सुपरवाइजर की भर्ती
भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का पर्व है; शिवरात्रि महापर्व: स्वामी रामभजन वन
मुख्यमंत्री, के निर्देशों अनुपालन में नकली दवाई कम्पनियों पर डीएम की समिति कसेगी नकेल