*26 जुलाई तक यूसीसी में रजिस्ट्रेशन कराने का अवसर*
*26 मार्च 2010 के पश्चात जिन लोगो का विवाह हुआ है, उन सभी के लिए यूसीसी पर पंजीकरण करना अनिवार्य*
*26 जुलाई के बाद 10 हजार तक लग सकती है पैनल्टी*
*26 जुलाई तक पंजीकरण हेतु 250 रूपये शुल्क व 50 रूपये कॉमन सर्विस सेंटर चार्ज*
*26 जुलाई के बाद सभी पात्रों को सब रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार द्वारा जारी किए जाएंगे नोटिस*
*30 अप्रैल तक सभी पात्र सरकारी कार्मिकों को पंजीकरण कराने के जिलाधिकारी ने दिए निर्देश*
*30 अप्रैल तक पंजीकरण न कराने वाले कार्मिकों कोई नोटिस जारी करने दिए निर्देश*
हरिद्वार ।- जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने यूसीसी तथा जिला योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित बजट हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक जिला कार्यालय सभागार में।
जिलाधिकारी ने यूसीसी पर पंजीकरण कार्यों की समीक्षा के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए कि 26 मार्च 2010 के पश्चात जिन लोगों का विवाह हुआ है तथा वर्तमान समय में जो भी विवाह हो रहा है उनका यूसीसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। उन्होंने सभी पात्र कार्मिकों को 30 अप्रैल तक अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराने तथा 30 अप्रैल तक पंजीकरण न कराने वाले कार्मिकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि 26 जुलाई तक यूसीसी में रजिस्ट्रेशन कराने का महत्वपूर्ण अवसर दिया गया है जिसमें 26 जुलाई तक पंजीकरण हेतु 250 रूपये शुल्क व 50 रूपये कॉमन सर्विस सेंटर चार्ज लिया जा रहा है तथा 26 जुलाई के बाद सभी पात्र व्यक्तियों जिनके द्वारा यूसीसी पर पंजीकरण नहीं कराया गया होगा, उन सभी को सब रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार द्वारा नोसिट जारी किए जाएंगे और 26 जुलाई के बाद 10 हजार रूपये तक की पैनल्टी भी लगाई जा सकती है। उन्होंने सभी से अवसर का लाभ उठाते हुए पोर्टल पर अवश्य पंजीकरण कराने की अपील की।
प्रमुख सरकारी विभागों में शिक्षा विभाग के 285 कार्मिकों, पुलिस विभाग के 317 कार्मिकों, नगर निगम हरिद्वार के 93 कार्मिकों, विद्युत विभाग के 124 कार्मिकों, युवा कल्याण विभाग के 100 कार्मिकों द्वारा अभी तक पंजीकरण नहीं कराया गया है। पोर्टल पर 3912 कार्मिकों द्वारा पंजीकरण करा लिया गया है जबकि कुल 1391 कार्मिकों का पंजीकरण होना शेष है।
जिलाधिकारी ने जिला योजन की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि जिला योजना में योजनाएं प्रस्तावित करने हेतु जन प्रतिनिधियों तथा डीपीसी सदस्यों से समन्वय स्थापित करते हुए योजनाएं प्रस्तावित की जाये। योजनाएं पूर्ण औचित्य सहित संक्षेप में प्रस्तुत की जायें, नवाचार एवं अभिनव के कार्यों को प्रोत्साहित किया जाये। सतत विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं प्रस्तुत की जाये, जिला योजना में तीन लाख रूपये से कम लागत की योजनाओं को जिला योजना में सम्मिलित न किया जाये।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, नगर आयुक्त रुड़की राकेश चंद्र तिवारी, परियोजना निर्देशक केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता, जिला अर्थ संख्या आधिकारी नलिनी ध्यानी, अपर जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी सुभाष शाक्य, महाप्रबंधक उद्योग उत्तम कुमार तिवारी ,मुख्य क्रीड़ा अधिकारी शबाली गुरंग, उप प्रभागीय वन अधिकारी पूनम कैथूरा आदि मौजूद थे।
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