परमार्थ निकेतन मां गंगा के दिव्य तट से हिमालय एवं वनों की रक्षा का संकल्प जगाती फिल्म
✨परमार्थ निकेतन में ‘डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स’ फिल्म के ट्रेलर का भव्य लोकार्पण
‘💥*डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स’ केवल एक फिल्म नहीं, यह हिमालय, गंगा और वन-सम्पदा की रक्षा हेतु जागरण का प्रभावी माध्यम
🌸प्रकृति बचेगी तो संस्कृति बचेगी, और संस्कृति बचेगी तो मानवता बचेगी
🙏🏾स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन की विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती के पावन अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज एवं साध्वी भगवती सरस्वती जी द्वारा हिमालय तथा उसके पवित्र वनों की सुरक्षा और संरक्षण को समर्पित हिंदी एक्शन-एडवेंचर फीचर फिल्म ‘डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स’ के ट्रेलर का भव्य लोकार्पण किया। मां गंगा जी की आरती के दिव्य एवं अलौकिक वातावरण में सैकड़ों श्रद्धालुओं तथा विश्वभर से आनलाइन जुड़े दर्शकों की उपस्थिति ने इस महत्वपूर्ण क्षण को ऐतिहासिक बना दिया।
यह फिल्म 31 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष के सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है, जिसमें उत्तराखंड के जंगलों को आग से बचाने की मौन परंतु अत्यंत कठिन और साहसपूर्ण लड़ाई का उत्कृष्ट सिनेमाई प्रस्तुतीकरण किया गया है। यह फिल्म प्रकृति-रक्षा, वन-सम्पदा संरक्षण, जैव विविधता तथा पारिस्थितिकी तंत्र के संवर्धन की दिशा में जनचेतना जगाने वाला संदेश देती है।
फिल्म के निर्देशक महेश भट्ट जी ने बताया कि यह फिल्म वर्ष 2024 में बिन्सर के जंगलों में लगी विनाशकारी आग को बुझाते हुए शहीद हुए वन विभाग के वीर योद्धाओं से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि ये योद्धा बिना किसी ख्याति की आकांक्षा के केवल अपने कर्तव्य और धरती की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं। उनकी स्मृति और त्याग को जन-जन तक पहुँचाने का यह प्रयास अत्यंत आवश्यक है।
फिल्म की यथार्थता बढ़ाने के लिए इसमें वास्तविक वन अधिकारियों, अग्निशमन दल तथा स्थानीय ग्रामीणों ने स्वयं अभिनय किया है, जिससे पूरी कथा जीवंत और अत्यंत प्रभावशाली रूप में रूपांतरित हुई है। गीत ‘राही ओ राही’ का लोकार्पण उत्तराखंड की आध्यात्मिक यात्रा का स्वरों के साथ किया गया।
परमार्थ निकेतन में स्वामी जी ने फिल्म के आध्यात्मिक और प्रेरणादायी गीत “राही ओ राही” के पोस्टर का विमोचन किया।
गीत में रवीन्द्रनाथ टैगोर जी की उत्तराखंड यात्रा तथा वहीं गीतांजलि के सृजन से जुड़ी भावनाओं और संस्कृति को बेहद सुंदरता से पिरोया गया है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि जंगल बचेंगे तो जल बचेगा, और जल बचेगा तो जीवन बचेगा। ट्रेलर लॉन्च पर प्रेरणादायी उद्बोधन देते हुए स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि हिमालय केवल पहाड़ों की श्रृंखला नहीं, वह हमारे राष्ट्र की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय रीढ़ है। यदि जंगल जलेंगे तो ग्लेशियर पिघलेंगे, नदियाँ सूखेंगी और जीवन संकट में पड़ जाएगा। वन सुरक्षा केवल वन विभाग या सरकार का विषय नहीं यह राष्ट्रधर्म है, मानवधर्म है।
स्वामी जी ने इस फिल्म को विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि पर्यावरण संरक्षण का भाव बचपन से ही जागे।
स्वामी जी ने कहा कि वन केवल वृक्षों का समूह नहीं, बल्कि जीवन का आधार हैं। जंगलों में आग केवल लकड़ी को नहीं जलाती, वह ऑक्सीजन, जल, वायु, पशु-पक्षी और भविष्य को जला देती है। यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि प्रकृति की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।
इस अवसर पर आचार्य दीपक शर्मा, आर. ए. तिवारी, फिल्म टीम से सुषमा भारद्वाज, संजय मैठाणी, विकास कुमार सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

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