September 8, 2024

स्वामी योगानंद जी महाराज एक तपस्वी ज्ञानमूर्ति संत थे :महंत देवानंद गिरि

हरिद्वार। केशव आश्रम निकट अलकनंदा घाट में ब्रह्मलीन योगानंद जी महाराज का षोडशी भंडारा आयोजित किया गया स्वामी योगानंद जी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जूना अखाड़े के पूर्व सचिव श्री महंत देवानंद गिरि जी महाराज ने कहा स्वामी योगानंद जी महाराज एक तपस्वी ज्ञानमूर्ति संत थे उनके ज्ञानरूपी वर्षा में भक्तजन स्नान कर अपने जीवन को धन्य करते थे इस अवसर पर स्वामी योगानंद जी महाराज के उत्तराधिकारी तथा उनके शिष्य श्री चिदधानंद सरस्वती जी ने कहा हमारे परम पूज्य गुरुदेव योगानंद जी महाराज ज्ञान का एक विशाल सूर्य थे एक महान तपस्वी संत थे हम सब उनके शिष्य भक्तजन उनके ज्ञान की वर्षा में गोते लगाकर अपने जीवन को धन्य करते थे इस अवसर पर स्वामी चिन्मयानंद जी सरस्वती उर्फ गीता देवी ने परम पूज्य गुरुदेव योगानंद जी महाराज को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा महाराज जी ने संपूर्ण भक्तजनों को सत्य पथ पर चलना सिखाया उन्होंने हमें ज्ञान देकर हमारे जीवन को धन्य बनाया हम ऐसी महान विभूति को बारंबार नमन करते हैं उनके श्री चरणों में दंडवत प्रणाम करते हैं वंदनीय महाराज जी श्री योगानंद सरस्वती जी चिन्मयानंद कुटी ब्रह्मपुरी के संस्थापक थे अब उनके शिष्य श्री चिदधानंद सरस्वती जी महाराज और उर्फ श्री सुभाष गोयल जी महाराज ने विधिवत महाराज जी के ब्रह्मलीन होने के उपरांत सभी क्रिया कर्म विधिवत विधि विधान से किए तथा आज 16 दिन श्री केशव आश्रम मैं महाराज श्री के षोडशी भंडारे का आयोजन किया इस अवसर पर श्री महंत देवानंद गिरी जी महाराज महंत राकेश गिरी जी महाराज महंत नरेश गिरी जी महाराज दिगंबर उमेश भारती जी महाराज दिगंबर आशुतोष पुरी जी महाराज दिगंबर विनोद गिरी दिगंबर गंगा पुरी जी महाराज दिगंबर अमित गिरी जी महाराज श्री महंत महेश पुरी जी महाराज स्वामी पूर्णानंद गिरी जी महाराज श्री महंत सुरेशानंद सरस्वती जी थानापति सत्येंद्र गिरी जी महाराज श्री अमृत पुरी जी महाराज स्वामी पूर्णानंद गिरी जी महाराज श्री राजेंद्र गनेरीवाला महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज राय गिरी जी महाराज महंत नरेश गिरी जी महंत राकेश गिरी जी स्वामी पूर्णानंद गिरी जी महाराज कोतवाल कालीचरण जी महाराज सहित बहुत से संत महंत तथा भक्तजन उपस्थित थे इस अवसर पर स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती जी महाराज की उत्तराधिकारी स्वामी श्री चिन्मयानंद जी सरस्वती उर्फ गीता देवी ने सभी संत महंतों की चरण वंदना कर आशीर्वाद प्राप्त किया