हरिद्वार। मुस्लिम फंड बनाकर लोगों से काला धन सफेद करने, पुराने नोटों को बदलने सहित विभिन्न प्रकार का लालच देकर करोडों रूपये ठगने के मामले में पुलिस ने मुस्लिम फंड के संस्थापक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके 23 बैंक खाते फ्रीज कर दिये है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वसीम पुत्र समीम रावत निवासी ग्राम इब्राहिमपुर थाना पथरी जिला हरिद्वार द्वारा थाना ज्वालापुर पर कबीर म्युचल बैनिफिट लिमिटेड (मुस्लिम फण्ड) के संस्थापक अब्दुल रज्जाक पुत्र सरफू निवासी ग्राम सराय थाना ज्वालापुर जिला हरिद्वार के द्वारा बैंक में उसके द्वारा जमा किये गये 2 लाख 81 हजार धनराशि व हजारों अन्य लोगों की जमा राशि लेकर फरार हो जाने के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज कराया। हजारों लोगों के बैंक खातों की प्रभावित धनराशि को देखते हुए एसएसपी अजय सिंह के द्वारा प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए जांच तेज करने के निर्देश दिये गये। जिसके लिए छह टीमें गठित की गयी। उक्त मुस्लिम फण्ड वर्ष 1998 से संचालित किया जा रहा था जिसे वर्ष 2020 में कबीर म्युचल बैनिफिट लि. के रुप में कार्पोरेट मंत्रालय से मान्यता प्राप्त कराया गया। तथाकथित बैंक में 13382 एक्टिव खाते पाये गये, जिनमें 8716 खातों में 500 रुपये से कम धनराशि होना पाया गया। उक्त खाताधारकों की कुल करीब 7 करोड 5 लाख धनराशि उक्त बैंक में निहित होना पाया गया जिसमें से करीब डेढ करोड रुपये धनराशि अब्दुल रज्जाक के द्वारा लोगों का सोना गिरवी रखकर उन्हें 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर देना पाया गया। जांच के दौरान अब्दुल रज्जाक उसके परिवार व उसके संदिग्ध सहयोगियों के 23 बैंक खाते फ्रीज किये जा चुके हैं इसके अलावा इनके द्वारा अर्जित चल अचल सम्पत्ति का विवरण जुटाया जा रहा है। जांच के दौरान पाया गया कि मुस्लिम फण्ड में जमा धनराशि जो कि लोग बगैर ब्याज लिये जमा करा रहे थे को अब्दुल रज्जाक व उसके साथी प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त कर उससे अपने निजी हित में लाभ अर्जित कर रहे थे। मुकदमा उपरोक्त में फरार अब्दुल रज्जाक को पुलिस टीम द्वारा हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के पश्चात रज्जाक द्वारा बताया गया कि वह वर्ष 2013 से मुस्लिम फण्ड में जमा कराये गयी रकम को अपने साथियों नसीम उर्फ मुन्ना पुत्र जिन्दे हसन निवासी ग्राम सराय थाना ज्वालापुर हरिद्वार व मशरूर पुत्र इरसाद अली निवासी ग्राम सराय थाना ज्वालापुर हरिद्वार के सहयोग से ज्वालापुर के आसकृपास प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त कर खासा लाभ अर्जित कर रहा था। इसके साथ ही उसने लोगों को पुराने नोट बदलने व जमीनों की खरीद फरोख्त कर करोडों रूपये ठगने के मामले को भी स्वीकार किया। पुलिस ने तीनों को न्यायालय में पेश किया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
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