देहरादून। उत्तराखंड सरकार के “समग्र शिक्षा अभियान” के अंतर्गत विभिन्न संस्थाओं में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, रायपुर, देहरादून में दो दिवसीय एडोलसेंट प्रोग्राम (किशोरावस्था कार्यक्रम) का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में देहरादून की प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. गरिमा शर्मा एम.डी. को आमन्त्रित किया गया था।
डॉ. गरिमा वर्तमान में उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं एवं देहरादून में उनका अपना डॉ. गरिमा क्लिनिक एवं शुद्धि वेलनेस के नाम से क्रमशः क्लिनिक एवं मल्टी स्पेशलिटी आयुर्वेदिक एवं पंचकर्मा सेंटर हैं। उनको मुख्य व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया।
कक्षा 6 से 12 तक की बालिकाओं को निम्न बिंदुओं पर मार्गदर्शन देना था।
1. किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन।
2. जीवन कौशल विकास पर परिपेक्ष्य निर्माण।
3. किशोरावस्था के मुद्दों को समझना।
4. लिंग संवेदनशीलता का विकास।
5. यौन शिक्षा एवं जनन स्वास्थ्य।
6. मादक द्रव्यों के सेवन से बचाव।
7. परीक्षाओं का मानसिक दबाव, पियर प्रेशर एवं इससे बचने के उपाय।डॉ. गरिमा शर्मा ने अपने मुख्य भाषण में शिक्षकों और छात्राओं को उपरोक्त सभी बिंदुओं पर आवश्यक जानकारी प्रदान की और उनके प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने इस अवधि के दौरान किशोरों में होने वाले विभिन्न शारीरिक, मानसिक और सामाजिक परिवर्तनों के बारे में बताया। यौन शिक्षा और प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य के महत्व पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि वेदों में वर्णित चारों आश्रमों में ब्रह्मचर्य सबसे महत्वपूर्ण काल है। इस उम्र में खुद पर नियंत्रण और अनुशासन जरूरी है। सहकर्मी समूह और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे महत्वपूर्ण हैं। आत्म निर्भर बनने के लिए लड़कियों को कौशल विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। कार्यक्रम में सभी छात्राओं ने काफी उत्साह दिखाया और विभिन्न विषयों पर अपने प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किए।
विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती वंदना ढौंडियाल द्वारा व्याख्यान की भूरी भूरी प्रशंसा की गई तथा बालिकाओं एवं शिक्षिकाओं के लिए व्याख्यान को बहुत ही उपयोगी एवं सारगर्भित बताया गया। प्रधानाचार्य द्वारा डा गरिमा शर्मा को पुष्प गुच्छ एवं मोमेंटो देखकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि डॉ. शर्मा ने देश की भावी पीढ़ी को मार्गदर्शन दे कर उन्हें भविष्य में एक आदर्श नागरिक बन कर देश की उन्नति में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया। अंत में वरिष्ठ शिक्षिका ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
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