हरिद्वार। श्री गंगा सभा (रजि०) के गंगा सेवक दल द्वारा साप्ताहिक गंगा घाट स्वच्छता अभियान के तहत रविवार को चमगादड़ टापू, पंतदीप क्षेत्र के गंगा घाटों पर विसर्जित की गई खंडित मूर्तियों को बाहर निकाल कर एक स्थान पर रख दिया गया। गंगा सेवक दल सचिव उज्जवल पंडित ने बताया कि सनातन वादी लोगों द्वारा मंदिरों एवं घरों में खंडित हुई मूर्तियों को गंगा के घाटों पर छोड़ जाते हैं जिस कारण उन मूर्तियों की आड़ में गंदगी पसर जाती है तथा कुछ लोग धनार्जन की आड़ में इन्हीं खंडित मूर्तियों को सजाकर श्रद्धालुओं को गुमराह करते हैं।
हम सभी श्रद्धालुओं से अपील करते हैं की इस प्रकार खंडित हुई मूर्तियों एवं अपने मृतक परिजनों के वस्त्र इत्यादि सामग्री को गंगा में प्रवाहित ना करें। हमने आज इन मूर्तियों को एक स्थान पर निकालकर एकत्रित किया है। उनके निस्तारिकरण के लिए सनातन धर्म के अच्छे ज्ञाताओं से सलाह कर इनको पूरी तरह हटा दिया जाएगा। गंगा जी को कलयुग में प्रधान तीर्थ कहा गया है। यह प्रत्यक्ष रूप से देवी स्वरूपा है, जो सनातन परंपरा के 16 संस्कार है। उस हर कार्य में गंगाजल का प्रयोग सनातनी लोग करते हैं। उसके बाद भी गंगा जी के प्रति जिस प्रकार लोकाचार की भावना से यह सब कृत्य किए जाते हैं, यह आपके पाप को बढ़ाने वाले ही हैं। अतः सनातन धर्म के लोग गंगा को स्वच्छ रखने में हमारा सहयोग करें एवं अपनी भी जिम्मेदारी समझें।
इस अवसर पर पार्षद अनूज सिंह, दीपांकर चक्रपाणि, शिवांकर चक्रपाणि, वैभव भक्त, देवराज, शंकर शर्मा, पराग मिश्रा, वासु शर्मा, एकलव्य पंडित, भव्य पंडित, अध्यात्म पंडित, संभव झा आदि उपस्थित रहे।
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