November 22, 2024

मुख्य विकास अधिकारी ने ली जिला परामशदात्री समिति की संयुक्त बैठक

हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रतीक जैन की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय समीक्षा समिति/जिला परामशदात्री समिति(बैंकिंग) की एक संयुक्त बैठक आयोजित हुई।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी को एल.डी.एम.(लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर) श्री संजय सन्त ने प्रस्तुतीकरण देते हुये बताया कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के अन्तर्गत हरिद्वार जनपद में योजना के प्रारम्भ से लेकर मार्च,2023 तक 9,68,802 बैंक खाते खोले गये, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत मार्च,2023 तक 6,01,030 लोगों का बीमा कराया गया, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अन्तर्गत मार्च,2023 तक 1,90,471 व्यक्तियों का बीमा कराया गया। इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिये इसका जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे पूर्ण करते हुये बीमा योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।

अटल पेंशन योजना के बारे में प्रस्तुतीकरण देते हुये लीड बैंक मैनेजर ने बताया कि जनपद में प्रारम्भ से लेकर मार्च,2023 तक 1,33,853 लोगों की पेंशन स्वीकृत हो चुकी है तथा जनपद में सक्रिय बैंक जमा खातों की मार्च,2023 तक लगभग 93.20 प्रतिशत आधार सीडिंग की जा चुकी है। इस पर मुख्य विकास अधिकरी ने कहा कि सरकार की जितनी भी योजनायें हैं, उनका पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में भेजा जाता है, ऐसे में लाभार्थी का आधार सीडिंग होने से कई समस्याओं का समाधान हो जाता है। अतः अधिक से लोगों की आधार सीडिंग करना सुनिश्चित करें।

बैठक में लीड बैंक मैनेजर ने सूचना प्रौद्योगिकी का जिक्र करते हुये बताया कि हरिद्वार जनपद में मार्च,2023 के अनुसार 286 बैंक शाखायें तथा 465 एटीएम हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जितने भी खाताधारक हैं, उन्हें डिजिटल बैंकिंग के लिये अधिक से अधिक प्रोत्साहित करें।

मुख्य विकास अधिकारी द्वारा बैंकों व सरकार द्वारा ऋण वितरण के अतिरिक्त किये गये क्रियाकलापों के सम्बन्ध में पूछे जाने पर लीड बैंक मैनेजर ने बताया कि वित्तीय साक्षारता केन्द्रों के माध्यम से मार्च,2023 तिमाही तक 25 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 681 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया।

श्री प्रतीक जैन ने बैठक में कुछ नॉन परफार्मर बैंकों-इण्डसइण्ड, सेण्ट्रल बैंक, इण्डियन बैंक, एसबीआई, आईडीबीआई आदि की ऋण-जमा अनुपात की प्रगति पर नाराजगी प्रकट की तथा जो लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, उसे समय पर पूरा करने के निर्देश दिये।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने कृषि क्षेत्र अग्रिम, प्राथमिक क्षेत्र अग्रिम, कमजोर वर्ग अग्रिम, वार्षिक ऋण योजनाओं के लिये निर्धारित लक्ष्य तथा उपलब्धि की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने बैठक में सरकार की फ्लैगशिप योजना-कृषकों की आय को दोगुना किया जाने, के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी ली, जिस पर अधिकारियों ने बताया कि जनपद में मार्च,2023 तक फसलीय ऋण के 1,01,115 कृषि कार्ड बनाये गये, किसान क्रेडिट कार्ड डेयरी के लिये 9470 ऋण आवेदन स्वीकृत किये गये तथा मत्स्य पालन के लिये 07 ऋण आवेदन स्वीकृत किये गये। इसके अतिरिक्त अन्य कृषि से सम्बन्धित गतिविधियों के लिये कई ऋण आवेदन स्वीकृत किये गये।

मुख्य विकास अधिकारी ने प्रधानमंत्री रेहड़ी पटरी आत्म निर्भर निधि, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की प्रगति के सम्बन्ध में भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की, जिस पर अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री रेहड़ी पटरी आत्म निर्भर निधि योजना के अन्तर्गत 31 मार्च,2023 तक 6608 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं तथा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के भौतिक लक्ष्य 440 के सापेक्ष 31 मार्च,2023 तक बैंकों द्वारा 715 आवेदन स्वीकृत किये गये, जो कि लक्ष्य का 162 प्रतिशत है। इसी प्रकार राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत 112 आवेदन स्वीकृत किये गये तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1222 ऋण आवेदन स्वीकृत किये गये। सहायक परियोजना निदेशक सुश्री नलिनीत घिल्डियाल कहा कि इस मिशन का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे, इस सम्बन्ध में बैंकों को अपनी सक्रिय सकारात्मक भूमिका का परिचय देना होगा। इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने बैंकों से सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने में पूरा सहयोग देने की अपेक्षा की।

परामर्शदात्री समिति की बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की प्रगति के सम्बन्ध में अधिकारियों से पूछा तो अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के भौतिक लक्ष्य 137 के सापेक्ष बैंकों द्वारा 206 आवेदन स्वीकृत किये गये। मुख्य विकास अधिकारी ने बैंकों से कहा कि वे एक ऐसा तंत्र विकसित करें ताकि अधिक से अधिक लोगों के ऋण आवेदन स्वीकृत हों, जिसका अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके।

बैठक में स्वतः रोजगार योजना, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना, होम स्टे योजना, मुद्रा योजना, स्टैण्डअप योजना, लम्बित वसूली प्रकरण आदि के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ तथा मुख्य विकास अधिकारी ने इन योजनाओं के सम्बन्ध में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये गये।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) श्री पी0एल0 शाह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 योगेश शर्मा, डीडीएम नाबार्ड, सहायक परियोजना निदेशक सुश्री नलिनीत घिल्डियाल, समाज कल्याण अधिकारी श्री टी0आर0 मलेठा, पर्यटन अधिकारी श्री सुरेश सिंह यादव, एफएलसी श्री गुरूीमत सिंह चौहान प्रतिनिधि नगर निगम हरिद्वार, नगर निगम रूड़की, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक आफ इण्डिया, एक्सिस बैंक, बन्धन बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, ओवरसीज बैंक, केनरा बैंक, जे एण्ड के बैंक, महेन्द्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक, जिला कोआपरेटिव बैंक सहित सम्बन्धित बैंकों एवं विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।