September 8, 2024

राजपूत धर्मशाला में क्षेत्रिय महासंघ का दो दिवसीय अधिवेशन शुरू

हरिद्वार। श्री राजपूत धर्मशाला कनखल में क्षत्रिय महासंघ भारत का दो दिवसीय अधिवेशन आज दीप प्रज्वलित कर शुरू हुआ। कार्यक्रम के अध्यक्षता कृपाल सिंह चौहान तथा संचालन कैप्टन सुरेश सिंह परमार ने किया। इस अवसर पर करीब 14 राज्यों से आए सभी प्रतिभागियों को तिलक व बेज लगाने के साथ ही पटका पहना कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर क्षत्रिय महासंघ भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन सुरेश सिंह परमार ने कहा कि अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य क्षत्रिय राजपूत वंश में चहुमुखी विकास के लिए एकता स्थापित कर समाज एवं राष्ट्र के विकास के लिए गहन विचार कर क्षत्रिय वंश के रीति-रिवाजों भाषा पूजा पद्धति विवाह पद्धति में नवीन वैज्ञानिक आधारों पर स्वीकार करने के संबंध में विचार करना है। क्षत्रिय वंश की दशा दयनीय स्थिति से ऊपर उभरने पर गहनता से तथा निर्धन प्रतिभावान छात्र-छात्राओं एवं व्यक्तियों को चिन्हित कर आवश्यकता अनुसार सहयोग करने तथा क्षत्रिय समाज को प्राचीन पद्धति एवं परंपरा के अनुरूप पूर्ण रूप से स्थापित करने के साथ ही अपने आचार विचारों पर अपने कर्तव्यों पर वापस लौटने हेतु गहन अध्ययन करना है । इस अवसर पर कृपाल सिंह चौहान ने कहा कि क्षत्रिय समाज ही देश को उच्च शिखर पर ले जाने के साथ-साथ विकास के पथ पर ले जा सकता है। उच्च कुलीन क्षत्रिय समाज की उपेक्षा कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। क्षत्रिय समाज ही देश के लिए मर मिटने की ललक अपने मन में सदैव बसाये रखता है। कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए अनिल पुंडीर एडवोकेट ने कहा कि हिंदुस्तान में हिंदुत्व ही हिंदुस्तान की आत्मा है हिंदुत्व को और अधिक प्रबल तथा प्रखर बनाने के लिए हम सबको एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। क्षत्रिय समाज के बिना देश का आगे बढ़ना संभव नहीं है। इस अवसर पर महेंद्र परमार ने बोलते हुए कहा क्षत्रिय समाज हिंदुस्तान की रीढ है हिंदुत्व की पहचान है विश्व भर में क्षत्रिय वीर सूरमाओं की लिखी गई गाथा के लिए हिंदुस्तान अपनी अलग ही छवि रखता है। क्षत्रिय महासंघ भारत के जिला अध्यक्ष हरिद्वार कुंवर संजीव कुशवाहा ने कहा कि जब तक क्षत्रिय समाज का कल्याण और उत्थान नहीं होगा तब तक देश और समाज में एकाग्रता संभव नहीं इसलिए अपने माटी के लिए मर मिटने की चाह रखने वाले क्षत्रिय समाज को सरकार को समाज को अपने मन मंदिर में स्थापित करते हुए उसे एकाग्रता के साथ स्वीकार करना ही होगा। इस अवसर पर कैप्टन सुरेंद्र सिंह, महेश पाल सिंह जादौन, कुंवर संजीव कुशवाहा, उदय सिंह पुंडीर, संजय चौहान, उमेश पुडीर, प्रवीण कुशवाहा, बृजभूषण सिंह सिंगर, बलराम दहाड़े ,श्रीमती सुशीला परमार, डॉ योगेश सिंह शेखावत, भरत सिंह राजपूत, बुद्धि सिंह गौर, विक्रम सिंह परमार, राम नाथ परमार, रामलाल परमार, श्याम लाल परमार, ठाकुर मनोज कुमार, परवीन सहित अनेक क्षत्रिय समाज के विद्वत लोग कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे।