बागेश्वर। उत्तराखण्ड में बागेश्वर उपचुनाव की तारीख जैसे-जैसे पास आती जा रही है भाजपा में नेताओं के शामिल होने का सिलसिला जारी है शनिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के सरकारी आवास पर पूर्व कैबिनेट मंत्री और खटीमा से पूर्व विधायक रहे सुरेश आर्य ने भाजपा का दामन थाम लिया है, पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश आर्य को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पार्टी की सदस्यता दिलाई, यहां यह भी बताते चले कि सुरेश आर्य वर्ष 1984 से 1989 तक सुरेश आर्य पहली बार विधायक रहे है, 1996 से लेकर 2002 तक दूसरी बार विधायक रहे, और 2000 में उत्तराखंड राज्य का गठन होने के बाद सुरेश आर्य कैबिनेट मंत्री भी बने, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि सुरेश आर्य एक जनआधार वाले नेता है, और 1996 में उन्होंने खटीमा से यशपाल आर्य को चुनाव भी हराया है। सुरेश आर्य पार्टी में शामिल होने के बाद सीधे बागेश्वर में उपचुनाव के प्रचार करने के लिए पहुंच रहे हैं। भाजपा ने सुरेश आर्य की ड्यूटी बागेश्वर उपचुनाव में लगाई है, बागेश्वर विधानसभा आरक्षित सीट है और सुरेश आर्य दलित बड़े नेता माने जाते हैं।
सबसे पहले भाजपा ने पिछली बार कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ चुके रणजीत दास को अपने पाले में लाकर कांग्रेस को झटका दिया और अब पूर्व विधायकए पूर्व मंत्री सुरेश आर्य को भाजपा में वापसी कराई है। सुरेश आर्य दो बार विधायक और एक बार मंत्री रहे सुरेश आर्य दलित चेहरे के बड़े नेता हैं।. सुरेश आर्य की धर्मपत्नी बीना आर्य नैनीताल जिला पंचायत की अध्यक्ष भी रही हैं।
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