हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक बुधवार को कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में परिषद के अध्यक्ष व श्री पंेचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज की अध्यक्षता में हुई। बैठक में उदयनिधि स्टालिन, स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा सनातन के खिलाफ दिए गए बयान व गुजरात में स्वामी नारायण सम्प्रदाय के स्वामी द्वारा हनुमान जी महाराज का अपमान करने पर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहाकि सृष्टि के आरम्भ से सनातन धर्म चला आ रहा है। यह आगे भी अनवरत चलता रहेगा। इसको मिटाने की बात करने वाले अवश्य ही मिट जाएंगे। उन्होंने स्वामी नारायण सम्प्रदाय के सारंगपुर स्थित बड़ताल शाखा में स्वामी नारायण सम्प्रदाय के संत द्वारा हनुमान जी महाराज का अपमान करने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए वहिषकर की बात कही। उन्होंने कहाकि एक संत के लिए किसी भी धर्म के आराध्य का अपमान करना अनुचित है।
अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेन्द्र दास महाराज ने कहाकि सनातन को कुछ लोग कमजोर समझ बैठे हैं। हमारी सहिष्णुता को हमारी कमजोरी न समझा जाए। उन्होंने कहाकि जिस दिन सनातनी उठ खड़ा हुआ तो विधर्मियों के लिए स्थान तक नहीं बचेगा। उन्होंने कहाकि हिन्दू सदैव से ही वसुधैव कुटुम्बकम को मानने वाला रहा है। यदि कोई सनातन या हिन्दू देवताओं का अपमान करेगा, तो उसे ईंट का जवाब पत्थर से देने में भी हिन्दू संकोच नहीं करेगा।
निर्मल अखाड़े के श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहाकि श्री राम मंदिर निर्माण के लिए हमने लड़ाईयां लड़ी हैं। यदि सनातन के खिलाफ कोई अनुचित बात कहेगा तो उसका उसी की भाषा में प्रतिकार करेगा। उन्होंने कहाकि संत शास्त्र के साथ शस्त्र उठाना भी जानते हैं।
इस दौरान बाबा हठयोगी, कोठारी महंत जसविन्दर सिंह, रविदेव शास्त्री, कारोबारी गोविन्द दास, कोठारी राघवेन्द्र दास, म.म. हािरचेतनानंद, रघुवीर दास आदि अनेक संत मौजूद रहे।
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