उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में पिछले 17 दिनों से फंसे श्रमिकों को कड़ी मशक्कत के बाद एक एक कर सकुशल बाहर निकालने का सिलसिला शुरू हो गया है। शाम 4 बजे तक 17 श्रमिको को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। जबकि बाकी के श्रमिकों को भी जल्द निकाल लिया जाएगा। बाहर आए मजदूरों को प्राथमिक उपचार के लिए चिन्यालीसौड़ बेस अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान जमकर भारत माता के जयकारे लगे।
आज दिन मंगलवार टनल में फंसे श्रमिकों के लिए बेहद खुशी का दिन आया। जब 17 दिनों तक टनल मेे कैद रहने के बाद श्रमिकों ने खुली हवा में सांसे ली। लंबी जदोजहद के बाद आखिरकार वो घड़ी आईं जिसका सभी देशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। बीते कल जब दिल्ली से आईं रेट माइनर्स की टीम ने टनल के बाकी हिस्से में मैनुअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया तो बड़ी उम्मीद जगी और उसी उम्मीद के मुताबिक आज सुखद परिणाम देखने को मिला जब कड़ी मेहनत के बाद एक एक कर अभी तक 17 श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया जबकि उम्मीद है कि बाकी के श्रमिकों को भी कुछ देर के भीतर निकाल लिया जाएगा। टनल से बाहर आए सभी श्रमिकों को टनल के भीतर ही बनाए गए अस्थाई मेडिकल कैंप में उनकी जांच की गई। इसके बाद सभी श्रमिकों को चिन्यालीसौड़ बेस अस्पताल ले जाया जाएगा।
विदित हो कि कई दिनों से लगे इंजीनियरों व विशेषज्ञों के साथ रेस्क्यू टीमें श्रमिकों को टनल से बाहर निकालने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही थी। रेस्क्यू ऑपरेशन में कई तरह की अड़चनें आईं। रेस्क्यू में अहम रोल अदा करने वाली आंगर मशीन के सुरंग में टूटकर फंसने से रेस्क्यू ऑपरेशन पर तीन दिन ब्रेक लगा रहा। जिसके बाद टनल के उपरी हिस्से से वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य शुरू कराया गया। हालांकि टनल से आंगर मशीन के टूटे हिस्से को निकालने के बाद दिल्ली से आए रेट माइनर्स टीम ने टनल के बाकी हिस्से में मैनुअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। टनल से बाहर निकलते ही वहां बने मेडिकल बेस कैंप में सभी श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच की गई।
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