हरिद्वार – जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागर में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में हरिद्वार स्थित विभिन्न गंगा घाटों, नालो एवं अन्य स्थानों पर अवैध अतिक्रमण तथा प्लास्टिक के क्रय विक्रय के संबंध विचार विमर्श किया गया इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाही की जा रही है, इस पर जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि अवैध अतिक्रमण कहीं पर है तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा अगर किसी क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण उसके क्षेत्र में पाया जाता है तो संबंधी विभाग द्वारा तत्काल अधिकारी कार्रवाई की जाएगी।
गंगा नदी, नहर, आदि में यात्रियों व अन्यों द्वारा पुलों पर से कूड़ा गंदगी एवं पूजा सामग्री डाली जाने के संबंध में इसकी रोकथाम के लिए जाली लग जाने के निर्देश के साथ क्रम में पूछे जाने पर सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया कि पुलों पर से कूड़ा गंदगी एवं पूजा सामग्री न डाले जाने हेतु बोर्ड लगाये गये हैं तथा नये बोर्ड लगाये जाने कार्यवाही गतिमान है।
चर्चा के दौरान अधिकारियों ने बताया मूर्ति विसर्जन के लिए कुंडो के निर्माण हेतु बैरागी कैंप, वीआईपी घाट के सामने तथा दक्ष मंदिर के समीप हेतु स्थान प्रस्तावित किये गये हैं तथा उक्त स्थल पर निरंतर निगरानी की जा रही है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) दीपेन्द्र सिंह नेगी, एस.पी.सिटी स्वतंत्र कुमार, एसडीएम अजयवीर सिंह, नगर मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, सीएमओ मनीष दत्त, उप वन संरक्षक जिला गंगा संरक्षण समिति वैभव कुमार सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, सिंचाई विभाग मंजू डैनी, इंडियन रेड क्रॉस डॉ नरेश चौधरी, प्रोजेक्ट मैनेजर पेयजल निगम गंगा मीनाक्षी मित्तल, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, ईओ जल संस्थान राकेश कुमार, प्रशासनिक अधिकारी पशुपालन अनुसूया प्रसाद, सहा.वनाधिकारी जयवीर सिंह, एई नगर निगम तरूण कुमार, खाद्य निरीक्षक एन.एस.जोशी, स्वाती कालरा रुड़की, एईपीडब्लूडी अजीत सिंह, सत्यदेव आर्य जिला परियोजना अधिकारी नमामि गंगे, जिला गंगा संरक्षण समिति सदस्य रामेश्वर गौड़, प्रोजेक्ट मैनेजर अमित शर्मा, जिला पर्यटन से आशीष कुमार आदि मौजूद थे
More Stories
हरिद्वार जिले के समस्त सीएलएफ पदाधिकारियों का ग्रामोत्थान परियोजना द्वारा अल्मोड़ा में शैक्षिक भ्रमण सम्पन्न
जिलाधिकारी ने पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षा बैठक ली
जिलाधिकारी ने विभिन्न कंपनियों द्वारा सीएसआर के अंतर्गत संचालित कार्यों की समीक्षा की