November 24, 2024

परमार्थ निकेतन ने आयोजित किया “स्वच्छता ही सेवा-2024” अभियान के अतंर्गत-स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता

*🌸स्वभाव स्वच्छता – संस्कार स्वच्छता*

*☘️सफाई मित्र सुरक्षा शिविर का आयोजन*

*💐निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, दंतरोगों की जांच, चिकित्सा परामर्श, दवाइयों का वितरण, रक्त जांच, योग, ध्यान और रिफ्लेक्शोलॉजी सेवाएं प्रदान की*

*✨विशाल भंडारे का आयोजन*

*🎊स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में दीप प्रज्वलित कर सफाई मित्र सुरक्षा शिविर का शुभारम्भ*

*💥अमर शहीद भगत सिंह जी की जयंती एवं संगीत साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर जी की जयंती पर भावभीनी श्रद्धाजंलि*

*💥स्वच्छता केवल शारीरिक स्वच्छता नहीं है, बल्कि यह हमारी आंतरिक पवित्रता और आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतिबिंब*

*🙏🏻स्वामी चिदानन्द सरस्वती*

 

ऋषिकेश, उत्तराखंड, 28 सितंबर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य, मार्गदर्शन व नेतृत्व में परमार्थ निकेतन में सैकड़ों पर्यावरण मित्रों का सम्मान किया गया।

स्वच्छता ही सेवा – 2024, सफाई मित्र सुरक्षा शिविर के अतंर्गत स्वर्गाश्रम, मुनि की रेती, नगर पालिका और नगर निगम, ऋषिकेेश के पर्यावरण मित्रों के लिये निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, दंतरोगों की जांच, चिकित्सा परामर्श, दवाइयों का वितरण, रक्त जांच, योग, ध्यान और रिफ्लेक्शोलॉजी सेवाएं प्रदान की गईं।

परमार्थ निकेतन में आयोजित इस कार्यक्रम में स्वर्गाश्रम, मुनि की रेती और ऋषिकेश नगरपालिका के पर्यावरण मित्रों को स्वच्छता व गरिमा किट वितरित किये गये। इस अभियान के माध्यम से स्वच्छता के महत्व को केवल एक शारीरिक क्रिया के रूप में नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अभ्यास के रूप में समझाया गया।

सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी जी के मार्गदर्शन में रिफ्लेक्शोलॉजी, योग व ध्यान सत्र आयोजित किया गया। रिफ्लेक्शोलॉजी विशेषज्ञों ने उपस्थित लोगों को चिकित्सीय सत्र के दौरान समग्र स्वास्थ्य और तनाव मुक्ति के लिये योग, ध्यान व प्राणायाम करवाया।

स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रतिभागियों को स्वच्छता और गरिमा किट वितरित किए गए। इन किटों में आवश्यक स्वच्छता उत्पाद शामिल थे, जो दैनिक स्वच्छता प्रथाओं को प्रोत्साहित करते हैं।

स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि “स्वच्छता केवल शारीरिक स्वच्छता नहीं है, बल्कि यह हमारी आंतरिक पवित्रता और आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतिबिंब है। इस अभियान के माध्यम से, हम प्रत्येक व्यक्ति में स्वच्छता और स्वास्थ्य के मूल्यों को स्थापित करना चाहते हैं। स्वास्थ्य और स्वच्छता एक-दूसरे के पूरक हैं। इस तरह की पहलें सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण हैं।

स्वामी जी कहा कि पर्यावरण मित्र जिस समर्पण और निष्ठा के साथ अपना कार्य करते हैं वह अत्यंत सराहनीय है। कठिन परिस्थितियों में भी अपने कार्य को जारी रखते हैं और न केवल पर्यावरण की रक्षा तक सीमित है, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का भी प्रयास है। हमें अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करने होंगे, जैसे कि प्लास्टिक का उपयोग कम करना, कचरे को कूड़ा दान में ही डालना, जल का संरक्षण और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना। जब हम सभी मिलकर पर्यावरण की रक्षा के लिए कार्य करेंगे, तभी हम एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज का निर्माण कर पाएंगे।

स्वामी जी के उद्बोधन से पर्यावरण मित्रों में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है।

“स्वच्छता ही सेवा-2024” अभियान भविष्य के स्वच्छता और स्वास्थ्य पहलों के लिए एक उत्कृष्ट मानक स्थापित कर रहा है।

इस चिकित्सा शिविर में ईओ, स्वर्गाश्रम श्री दीपक शर्मा, प्राथमिक चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लक्ष्मणझूला से डा राजीव जी, डा सचिन भाष्कर जी, श्री हरीश चन्द्र सिंह बिष्ट, फार्मेसी अधिकारी, श्री शुभम, लेब टेक्निशियन, श्री शुभम और सीमा डेंटल कालेज से डॉ. वैष्णवी प्रसाद डॉ. तान्या वर्मा, श्री आशीष, श्री जीशान, श्री यश, श्री आदित्य, श्री युगम, श्री शिवम बीडीएस छात्र सुश्री कनिष्का श्री मयंक परमार्थ निकेतन से सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, राकेश रोशन, आचार्य संदीप शास्त्री, आचार्य दीपक शर्मा, वर्षा शर्मा, विकास, उपासना पात्रा, हेमचन्द्र, कल्पना, रवि, शीला लाल, रोहन, जिमी, करूणा, पुष्पलता और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों का अद्भुत सहयोग प्राप्त हुआ।

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