November 24, 2024

सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाने की जरूरतः राज्यपाल

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरुवार को राजभवन ऑडिटोरियम में विश्व ट्रॉमा दिवस के अवसर पर एम्स ऋषिकेश द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने एम्स के ट्रॉमा केंद्र में कार्यरत नर्सिंग अधिकारी, एम्स ऋषिकेश के सफाई कर्मचारी एवं शवगृह सहयोगियों को उत्कृष्ट कार्य करने हेतु सम्मानित किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में सड़क दुर्घटनाओं को कम करना एक बड़ी चुनौती है एवं इस चुनौती से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ट्रॉमा से पीड़ित व्यक्ति के प्रति सिर्फ चिकित्सकों की ही नहीं अपितु सर्वसमाज की जिम्मेदारी है और हेल्थ, एसडीआरएफ, एनसीसी और रेडक्रॉस की टीमों को समन्वय कर इसे आगे बढ़ाना चाहिए।

एम्स ऋषिकेश के सफाई कर्मचारी एवं शवगृह सहयोगियों को उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्यपाल ने किया सम्मानित

राज्यपाल ने एम्स द्वारा आयोजित किए जा रहे जन-जागरूकता कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले छह वर्षों में लगभग 5000 छात्रों को प्रशिक्षण देना एम्स ऋषिकेश द्वारा किए गए सबसे प्रभावशाली प्रयासों में से एक है और यह पहल एक मजबूत और सुरक्षित समुदाय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश ने राज्य सरकार के साथ मिलकर 250 से अधिक मरीजों की सफलतापूर्वक हेलीकॉप्टर द्वारा निकासी की है, जिससे समय पर जीवन रक्षक चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सकी है UTTARAKHAND GOVERNER

राज्यपाल ने कहा कि एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित हेली एम्बुलेंस और टेलिमेडिसिन सुविधा से विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस पहाड़ी राज्य में स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी प्रभावशाली तकनीक के प्रयोग से स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है और उत्तराखण्ड के सभी स्वास्थ्य सुविधा अवयवों को मिलकर टेलिमेडिसिन एवं एआई युक्त सुविधाओं का एक विश्व स्तरीय मॉडल तैयार करना चाहिए। UTTARAKHAND GOVERNER

राज्यपाल ने कहा कि विश्व ट्रॉमा दिवस के अवसर पर, हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने समुदायों को सुरक्षित और अधिक सक्षम बनाएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ‘संजीवनी’ नामक परियोजना शुरू होने जा रही है, जिसके तहत अगले एक वर्ष तक मरीजों को निशुल्क हेलीकॉप्टर से निकाला जाएगा। कार्यक्रम में ट्रॉमा विभाग के डॉ. मधुर उनियाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ट्रॉमा विभाग की गतिविधियों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी। इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डीन प्रो. जया चतुर्वेदी, ट्रॉमा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम, डॉ. नवीन कुमार सहित एसडीआरएफ के जवान, एम्स ऋषिकेश के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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