हरिद्वार। रुड़की में गत दिवस दीपावली के दिन अचानक एक निर्माणाधीन पुल गिर गया। जिस वक्त यह घटना हुई उस वक्त मौके पर लोगों की आवाजाही जारी थी। पुल के गिरने के बाद मौके पर अफरा तफरी का माहौल बन। इस पुल को लोक निर्माण विभाग बना रहा था। पुल के ध्वस्त होने के बाद अब शासन ने इस मामले का संज्ञान लिया। शासन ने पुल गिरने की घटना की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी है।
रुड़की शहर के लिए यह पुल बेहद जरूरी था। कावड़ यात्रा के दौरान स्थानीय निवासियों और कांवड़ियों को सहूलियत देने के लिए यह पुल बनाया जा रहा था। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद लोहे के पुल के निर्माण का कार्य 2025 फरवरी महीने तक पूरा होना था, लेकिन अचानक से पुल के गिरने के बाद अब इसका कार्य पूरा नहीं हो पाएगा। साथ ही निर्माणदायी संस्था की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। रुड़की में साल 2012 में भी इसी तरह का एक पुल पूरा होने से पहले ही गिर गया था। जिसमें चार मजदूर भी गंगा नदी में बह गए थे।
7 दिन में रिर्पोर्ट सौपने के दिये आदेश
अब इस मामले में अधिकारी कह रहे हैं कि इस पुल के गिरने की वजह लापरवाही नहीं बल्कि अचानक से गंगा में छोड़े गए पानी का तेज बहाव है। हालांकि, गंगा में पानी छोड़ने से पहले सभी शहरों को इसका अलर्ट भेजा जाता है। बहरहाल इस पूरे मामले को लेकर लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने एक समिति का गठन कर दिया है। ये समिति इस पूरे मामले की जांच करेगी। मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग देहरादून को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। गोपेश्वर और देहरादून के अन्य दो अधिकारियों को इसका सदस्य बनाया गया है। तीन सदस्यीय यह टीम 7 दिन के अंदर पुल टूटने की रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
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