*💐आज का सूर्यास्त आप सभी के जीवन में नूतन ऊर्जा, सुख, शान्ति, और समृद्धि लेकर आए*
*💥भारत का भविष्य नूतन प्रकाश की दिव्य किरणों से जगमगाएँ*
*💐सभी व्रतियों की मनोकामनाएँ पूर्ण हों*
*✨सूर्य का प्रतिदिन समय पर उदय और अस्त होना हमें जीवन की नियमितता और स्थिरता का देता है संदेेश*
*🙏🏻स्वामी चिदानन्द सरस्वती*
ऋषिकेश, 7 नवम्बर। छठ पर्व अपार श्रद्धा, समर्पण, आस्था और विश्वास का पर्व है जो सूर्य देव और माँ गंगा सहित अन्य नदियों को समर्पित है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी व्रतियों और बिहार की दिव्य संस्कृति को मानने वाले सभी भाई-बहनों को छठ पूजा की शुभकामनायें देते हुये कहा कि सभी के जीवन में ऊर्जा, शान्ति और समृद्धि बनी रहे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि छठ पर्व न केवल हमारी आस्था और धर्म का प्रतीक है, बल्कि यह हमें प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखने की शिक्षा भी देता है। आज का सूर्यास्त और कल का उदय होता सूर्य आप सभी के जीवन में नूतन ऊर्जा, सुख, शान्ति, और समृद्धि लेकर आए। सभी का जीवन नूतन प्रकाश की दिव्य किरणों से जगमगाएँ।
स्वामी जी ने कहा कि सूर्य देव, धरती की ऊर्जा और जीवन का स्रोत हैं। छठ पर्व उगते और डूबते सूर्य के दिव्य महत्व का संदेश देता है। सूर्याेदय और सूर्यास्त जीवन की नियमितता एवं प्रकृति के चक्र के सम्मान का प्रतीक है, जो संदेश देता है कि प्रकृति हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और इसके साथ संतुलन बनाए रखने में ही जीवन की समृद्धि है।
सूर्य ऊर्जा, हमारे जीवन का स्रोत है और जल हमारे अस्तित्व के लिए जरूरी है। नदियों, तालाबों और जलाशयों की स्वच्छता और संरक्षण इस पर्व का अभिन्न अंग है। पूजा में प्रयोग की जाने वाली बांस की टोकरियाँ, केले के पत्ते, और अन्य प्राकृतिक सामग्री न केवल हमारी परंपराओं का अभिन्न अंग हैं बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी का भी प्रतीक हैं।
सूर्य देव, हमारे जीवन के हर पहलू में मौजूद हैं। वह हमें ऊर्जा, शक्ति, और जीवन प्रदान करता हैं। यह पर्व हमें शिक्षा देता है कि प्रकृति हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और इसके साथ संतुलन बनाए रखना हमारे जीवन की समृद्धि का मुख्य आधार है।
सूर्य की किरणें हमें ईश्वर की सर्वव्यापकता और सर्वशक्तिमानता का एहसास कराती हैं। सूर्य, ज्ञान और प्रकाश का भी प्रतीक है। सूर्य की किरणें हमारे अन्तस के अंधकार को दूर कर सच्चाई और ज्ञान का मार्ग प्रशस्त करती है। सूर्य की किरणे शक्ति और साहस का प्रतीक है जो हमें दिन-प्रतिदिन की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देती हैं और हमें सिखाती हैं कि हर दिन एक नया अवसर है और हमें हर स्थिति में साहसपूर्वक आगे बढ़ना चाहिए।
सूर्य की किरणें संतुलन और शांति का भी संदेश देती हैं। जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिये आंतरिक शांति चाहिये क्योंकि सच्ची शांति और संतुलन बाहरी जगत में नहीं, बल्कि हमारे भीतर है।
सूर्य का प्रतिदिन समय पर उदय और अस्त होना हमें जीवन की नियमितता और स्थिरता का संदेश देता है। चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, जीवन का चक्र निरंतर चलता रहना चाहिये; हमें अपनी जिम्मेदारियों और कार्यों को नियमित रूप से पूरा करना चाहिए क्योंकि हर नए दिन सूर्य उदय के साथ हमें नयी शुरुआत करने का अवसर मिलता है।
छठ पर्व का यही संदेश है कि हम अपनी प्रकृति की रक्षा करें और उसे समृद्ध बनाएं। नदियों की स्वच्छता, जलाशयों का संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करंे
सूर्य देव की उपासना और आराधना का दिव्य पर्व छठ की अनेकानेक शुभकामनाएँ
आज का सूर्यास्त आप सभी के जीवन में नूतन ऊर्जा, सुख, शान्ति, और समृद्धि लेकर आए
सभी का जीवन नूतन प्रकाश की दिव्य किरणों से जगमगाएँ
सभी व्रतियों की मनोकामनाएँ पूर्ण हों
सूर्य का प्रतिदिन समय पर उदय और अस्त होना हमें जीवन की नियमितता और स्थिरता का देता है संदेश
स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 7 नवम्बर। छठ पर्व अपार श्रद्धा, समर्पण, आस्था और विश्वास का पर्व है जो सूर्य देव और माँ गंगा सहित अन्य नदियों को समर्पित है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी व्रतियों और बिहार की दिव्य संस्कृति को मानने वाले सभी भाई-बहनों को छठ पूजा की शुभकामनायें देते हुये कहा कि सभी के जीवन में ऊर्जा, शान्ति और समृद्धि बनी रहे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि छठ पर्व न केवल हमारी आस्था और धर्म का प्रतीक है, बल्कि यह हमें प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखने की शिक्षा भी देता है। आज का सूर्यास्त और कल का उदय होता सूर्य आप सभी के जीवन में नूतन ऊर्जा, सुख, शान्ति, और समृद्धि लेकर आए। सभी का जीवन नूतन प्रकाश की दिव्य किरणों से जगमगाएँ।
स्वामी जी ने कहा कि सूर्य देव, धरती की ऊर्जा और जीवन का स्रोत हैं। छठ पर्व उगते और डूबते सूर्य के दिव्य महत्व का संदेश देता है। सूर्याेदय और सूर्यास्त जीवन की नियमितता एवं प्रकृति के चक्र के सम्मान का प्रतीक है, जो संदेश देता है कि प्रकृति हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और इसके साथ संतुलन बनाए रखने में ही जीवन की समृद्धि है।
सूर्य ऊर्जा, हमारे जीवन का स्रोत है और जल हमारे अस्तित्व के लिए जरूरी है। नदियों, तालाबों और जलाशयों की स्वच्छता और संरक्षण इस पर्व का अभिन्न अंग है। पूजा में प्रयोग की जाने वाली बांस की टोकरियाँ, केले के पत्ते, और अन्य प्राकृतिक सामग्री न केवल हमारी परंपराओं का अभिन्न अंग हैं बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी का भी प्रतीक हैं।
सूर्य देव, हमारे जीवन के हर पहलू में मौजूद हैं। वह हमें ऊर्जा, शक्ति, और जीवन प्रदान करते हैं। यह पर्व हमें शिक्षा देता है कि प्रकृति हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और इसके साथ संतुलन बनाए रखना हमारे जीवन की समृद्धि का मुख्य आधार है।
सूर्य की किरणें हमें ईश्वर की सर्वव्यापकता और सर्वशक्तिमानता का एहसास कराती हैं। सूर्य, ज्ञान और प्रकाश का भी प्रतीक है। सूर्य की किरणें हमारे अन्तस के अंधकार को दूर कर सच्चाई और ज्ञान का मार्ग प्रशस्त करती है। सूर्य की किरणे शक्ति और साहस का प्रतीक है जो हमें दिन-प्रतिदिन की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देती हैं और हमें सिखाती हैं कि हर दिन एक नया अवसर है और हमें हर स्थिति में साहसपूर्वक आगे बढ़ना चाहिए।
सूर्य की किरणें संतुलन और शांति का भी संदेश देती हैं। जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिये आंतरिक शांति चाहिये क्योंकि सच्ची शांति और संतुलन बाहरी जगत में नहीं, बल्कि हमारे भीतर है।
सूर्य का प्रतिदिन समय पर उदय और अस्त होना हमें जीवन की नियमितता और स्थिरता का संदेश देता है। चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, जीवन का चक्र निरंतर चलता रहना चाहिये; हमें अपनी जिम्मेदारियों और कार्यों को नियमित रूप से पूरा करना चाहिए क्योंकि हर नए दिन सूर्य उदय के साथ हमें नयी शुरुआत करने का अवसर मिलता है।
छठ पर्व का यही संदेश है कि हम अपनी प्रकृति की रक्षा करें और उसे समृद्ध बनाएं। नदियों की स्वच्छता, जलाशयों का संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करे।
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