चमोली । चमोली के सुदूरवर्ती गांव डुमक के रहने वाले भवान सिंह गंभीर रूप से पैरालाइज है। विगत कुछ समय से उनका इलाज ऋषिकेश एम्स में चल रहा था। उनकी बीमारी अत्यंत गंभीर होने और चिकित्सकों द्वारा उनको घर ले जाने की सलाह दी गई और एम्स से डिस्चार्ज किया गया। पैरालाइज मरीज की स्थिति नाजुक होने और डुमक गांव सड़क से करीब 6 किलोमीटर दूर होने पर मरीज को स्वयं घर तक पहुंचाना मुश्किल था। इस पर उनके परिजनों ने हैली एंबुलेंस की मांग की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में यह मामला आने पर उन्होंने जटिल और दुर्गम परिस्थितियों को देखते हुए चमोली जिले के जिलाधिकारी संदीप तिवारी को मरीज को सकुशल घर तक पहुंचाने के लिए हैली एंबुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिलाधिकारी ने सरकार के सहयोग से संचालित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की आपातकालीन निःशुल्क हेली एंबुलेंस सेवा से विशेष अनुरोध किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि डुमक गांव काफी दुर्गम क्षेत्र में है और सड़क से 06 किलोमीटर के पैदल दूरी पर स्थित है। इस पर एम्स ऋषिकेश में हैली एंबुलेंस के नोडल अधिकारी डा0 मधुर उनियाल ने विशेष केस बनाते हुए मरीज को 25 दिसंबर को हैली एंबुलेंस से डुमक गांव भेजा गया।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया कि बुधवार को डुमक गांव में हेली एंबुलेंस उतरने की व्यवस्था के साथ ही गंभीर रूप से बीमार मरीज को घर तक पहुंचाने के लिए स्टैचर आदि की व्यवस्था की गई और मरीज को उनके घर तक पहुंचाया दिया गया है। मरीज के परिजनों ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, ऋषिकेश एम्स की चिकित्सा टीम और जिला प्रशासन चमोली का आभार व्यक्त किया।
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