***पूर्वांचल उत्थान संस्था के तत्वावधान में पंचम सरस्वती पूजा का भव्य आयोजन
हरिद्वार। श्री अवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरादास हनुमान मंदिर के पीठाधीश्वर महंत महामंडलेश्वर डॉ स्वामी संतोषानंद देव महाराज ने कहा कि विद्या एवं ज्ञान की देवी मां सरस्वती देवी के प्राकट्य दिवस पर महाकुंभ स्नान, बसंत पंचमी का संगम बना है। इस शुभ घड़ी में मां सरस्वती की आराधना करने से मनोवांछित सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि मां देवी सरस्वती का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था। इस दिन देवी सरस्वती सफेद कमल पर सवार होकर हाथों में वीणा, माला और पुस्तक धारण किए हुए प्रकट हुई थीं। इसीलिए हर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा मनाई जाती है। इसी दिन से बसंत पंचमी की शुरुआत भी होती है। देवी सरस्वती को विद्या, ज्ञान, बुद्धि और विवेक की देवी माना जाता है। देवी सरस्वती की पूजा करने से कला और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है। देवी सरस्वती को शारदा, वीणावादिनी, वीणा पाणि, भारती, वाग्देवी, महाश्वेता, ज्ञानदा, हंसवाहिनी और वागेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। बसंत पंचमी देवी सरस्वती को समर्पित है। इस दिन देवी हंसवाहिनी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। देवी सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला और शिल्प कौशल की देवी माना जाता है। पूर्वांचल उत्थान संस्था के महासचिव बीएन राय ने कहा कि गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी विद्या एवं ज्ञान की देवी मां सरस्वती देवी का प्राकट्य दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार, 03 फरवरी 2025 को प्रातः काल के पहले सत्र में वैदिक मंत्रोच्चार एवं पूर्ण विधि विधान से मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। श्रद्धा एवं उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया जाएगा। वहीं दूसरे सत्र में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। बुधवार 05 फरवरी को स्थापित मुर्ति का विसर्जन किया जाएगा। उन्होंने कहा पूर्वांचल उत्थान संस्था के अध्यक्ष सीए आशुतोष पाण्डेय के नेतृत्व में श्री अवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरादास हनुमान मंदिर के प्रांगण में महामंडलेश्वर डॉ स्वामी संतोषानंद देव महाराज के सानिध्य में पंचम मां सरस्वती पूजनोत्सव एवं महायज्ञ अनुष्ठान समारोह की की वृहद स्तर पर तैयारी चल रही है। कार्यक्रम संयोजक की भूमिका रंजीता झा जी बखुबी निर्वहन कर रही है।
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