*🌺फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन और बेटी राशा थडानी का महाकुम्भ, परमार्थ निकेतन शिविर में आगमन*
*🌸प्रयाग की दिव्य धरती पर संगम में किया स्नान*
💥*परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी से की दिव्य भेंटवार्ता*
*✨परमार्थ निकेतन संगम आरती में किया सहभाग और परमार्थ निकेतन शिविर में किया रात्रि विश्राम*
*✨विश्व शान्ति यज्ञ में समर्पित की आहुति*
*🌺महाकुम्भ की दिव्यता का आकर्षण अद्भुत, अलौकिक*
*💥महाकुम्भ की धरती पर सभी का अभिनन्दन और सनातन संस्कृति का वंदन*
प्रयागराज, 24 फरवरी। प्रयागराज के पवित्र संगम तट पर आयोजित महाकुम्भ 2025 एक अद्वितीय महोत्सव है। इसमें फिल्म और अध्यात्म के अद्भुत मिलन का दृश्य भी देखने को मिल रहा है। आज फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन, उनकी बेटी राशा थडानी और पूरे परिवार ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के साथ महाकुम्भ के महात्म्य का अनुभव करते हुए संगम में दिव्य स्नान किया। समाज के हर क्षेत्र से श्रद्धालु आकर संगम में स्नान कर रहे हैं, जिसका पूरे विश्व में सकारात्मक प्रभाव दिखायी पड़ रहा है।
राशा थडानी ने पूज्य स्वामी जी के सान्निध्य में अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। उन्हें पूज्य स्वामी जी का दिव्य सान्निध्य और आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
अभिनेत्री रवीना टंडन ने अपने कुम्भ के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह एक ऐसी यात्रा है, जो उनके जीवन का अविस्मरणीय अनुभव है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अवसर उनके लिए आध्यात्मिक चेतना का अहसास करने का है और यह समय उनके मन को शांति और दिव्यता की ओर मार्गदर्शन करने वाला है। मेरे व मेरी बेटी के जीवन में ऐसा अद्भुत पल इस जीवन में दूसरी बार नहीं आयेगा। मैं अपने पूरे परिवार के साथ परमार्थ निकेतन शिविर में आयी हूँ। यहां आकर जो खुशी मिल रही है उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। महाकुम्भ की दिव्य धरती पर पूज्य स्वामी जी का पावन सान्निध्य पाकर मैं अभिभूत हूँ।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि “महाकुम्भ का आकर्षण और दिव्यता सभी को आत्मिक शांति की ओर प्रवृत्त करती है। यह एक अद्भुत अवसर है, जहां हर व्यक्ति को अपनी आत्मा से जुड़ने का मार्ग मिलता है।” उन्होंने यह भी कहा कि सिनेमा और अध्यात्म का एक गहरा संबंध है, क्योंकि दोनों ही समाज की सोच और विचारधारा को प्रभावित करते हैं।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि बालीवुड का महाकुम्भ ने आना, समाज को यह संदेश देता है कि भौतिक सफलता से अधिक महत्वपूर्ण आत्मिक उन्नति है। जो दर्शकों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करता हैं कि जीवन का असली उद्देश्य आत्मा की शांति और उन्नति है।”
सिनेमा, समाज का दर्पण है और महाकुम्भ, आध्यात्मिकता, शांति, और ज्ञान का प्रतीक है। लोकप्रिय चेहरों का महाकुम्भ में आना यह दर्शाता है कि भौतिकता के संसार में भी आध्यात्मिक जागरूकता और शांति की नितांत आवश्यकता है। जीवन में आध्यात्मिक होना बहुत जरूरी है।
महाकुम्भ में करोड़ों लोग एक साथ आते हैं और अपने जीवन को बदलने का अवसर पाते हैं। यह समय समाज में न केवल आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है, बल्कि यह एक सामाजिक एकता का भी प्रतीक है।
अभिनेत्री रवीना टंडन और राशा थडानी ने स्वामी जी और साध्वी जी के पावन सान्निध्य में परमार्थ त्रिवेणी पुष्प का भ्रमण किया और यहां की दिव्य ऊर्जा को आत्मसात किया।
अभिनेत्री रवीना टंडन जी ने अपने पूरे परिवार के साथ पररमार्थ निकेतन द्वारा अरैल घाट पर आयेाजित गंगा आरती में सहभाग किया। महाकुम्भ की धरती पर परमार्थ निकेतन शिविर में रात्रि विश्राम किया तथा प्रातःकाल विश्व शान्ति यज्ञ में आहुतियाँ समर्पित की।
अभिनेत्री रवीना टंडन ने श्रद्धालुओं को खिचड़ी वितरित की। वे परमार्थ निकेतन शिविर में होने वाली सभी गतिविधियों में खुशी-खुशी सहभाग किया और इस दिव्य वातावरण का आनंद लिया।
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