देहरादून। उदयन शालिनी फैलोशिप कार्यक्रम, देहरादून चैप्टर ने सार्वजनिक प्रशासन और शासन में डिजिटल अनुप्रयोग पर एक कार्यशाला आयोजित की। जिसका उद्देश्य छात्राओं को उभरती प्रौद्योगिकियों और शासन में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक करना था। कार्यशाला में
मुख्य वक्ता के रूप में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकादमी मसूरी के वरिष्ठ निदेशक (आईटी) विनोद कुमार तनेजा ने अपने संबोधन में इस बात पर विस्तार से प्रकाश डाला कि आज के दौर में किस प्रकार सूचना प्रौद्योगिकी को सार्वजनिक प्रशासन और शासकीय कार्यों में एकीकृत किया जा रहा है । उन्होंने इसकी बढ़ती महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि आने वाले समय में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
कार्यक्रम संयोजक विमल डबराल ने प्रतिभागियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अन्य डिजिटल उपकरणों को अपनाने के लिए प्रेरित किया और साथ ही यह भी सलाह दी कि हमें तकनीक पर पूर्णतया निर्भर भी नहीं होना चाहिए।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर ओजस्वी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स तथा मशीन लर्निंग पर विस्तृत जानकारी दी, जिससे छात्राओं में जिज्ञासा और उत्साह पैदा हुआ। मेंटर ब्योम बहादुर ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता को करियर के रूप में अपनाने पर अपने विचार साझा किए और छात्राओं को इस क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं का पता लगाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यशाला में वरुणा और फरहा ने भी संबंधित विषयों पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शालिनी खुशी ने किया। कार्यशाला में शताक्षी, निथि धीमान, प्रियंका पांडे, नंदिनी गुप्ता, अंशिका धीमान के साथ ही सौ से अधिक छात्राओं ने प्रतिभाग करते हुए लोक-प्रशासन एवं दैनिक तथा शासकीय कार्यों में डिजिटल तकनीक तथा इसके अनुप्रयोगों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
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