May 10, 2025

उत्तराखण्ड के पाँचवे मुख्यमन्त्री एवं पूर्व शिक्षा मंत्री, भारत सरकार, श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी, पर्यावरणविद् गोपाल आर्या जी (आर एस एस) एवं सचिव चिकित्सा शिक्षा, उत्तराखंड, डॉ आर राजेश कुमार जी का परमार्थ निकेतन में आगमन


*✨विश्व विख्यात परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग*
*🌸स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा किया भेंट*
ऋषिकेश, 9 मई। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश गंगा आरती में उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पर्यावरणविद् श्री गोपाल आर्य जी तथा उत्तराखंड शासन के सचिव, चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार जी का आगमन हुआ। स्वामी जी ने सभी अतिथियों को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

 

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज का युग केवल तकनीकी विकास का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक पुनर्जागरण का भी है। उन्होंने कहा, हम विज्ञान से गति पा सकते हैं, पर आध्यात्मिकता से दिशा मिलती है।
स्वामी जी ने कहा कि जल, जंगल और जन को बचाना आज की सबसे बड़ी राष्ट्र सेवा है। धर्म का अर्थ केवल पूजा नहीं, प्रकृति और परोपकार की रक्षा करना भी धर्म है। हमें ऐसी जीवनशैली अपनानी होगी जो पर्यावरण के अनुकूल हो, और जो सेवा, समर्पण तथा संतुलन पर आधारित हो। यही भारत की परंपरा है और यही भविष्य की दिशा है।


श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ जी ने परमार्थ निकेतन के अपने अनुभवों को अत्यंत प्रेरणादायक बताते हुए कहा, “परमार्थ की पावन भूमि पर आकर मैं हर बार एक नई ऊर्जा, नई दिशा और भारत की सनातन चेतना का साक्षात्कार करता हूँ। पूज्य स्वामी जी सेवा, संस्कार और समर्पण की त्रिवेणी है। उनके द्वारा पर्यावरण, जल-संरक्षण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के लिए किये जा रहे कार्य राष्ट्र के लिए पथप्रदर्शक है।
पर्यावरण व प्रकृति संरक्षण हेतु समर्पित श्री गोपाल आर्य जी ने कहा कि हमें केवल पौधारोपण नहीं, बल्कि उनके सरंक्षण का भी संकल्प लेना होगा। युवाओं से आह्वान किया कि वे जीवनशैली में प्राकृतिक संतुलन और भारतीय जीवन दर्शन को अपनाएं।
स्वामी जी ने सभी अतिथियों को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।