धार्मिक स्थलों पर ऑनलाइन धोखाधड़ी से सुरक्षा हेतु विशेष प्रशिक्षण
परमार्थ निकेतन और सेफर इंटरनेट इण्डिया के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में श्री निशांत कुमार, निदेशक, इंडियन साइबर क्राइम कोऑॅर्डिनेशन सेंटर 14सी, गृह मंत्रालय ने दिया प्रशिक्षण
तीर्थयात्रियों, आम नागरिकों एवं आश्रम प्रबंधन हेतु विशेष कार्यशाला
ऋषिकेश, 31 मई। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आज एक विशेष साइबर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें तीर्थयात्रियों, आम नागरिकों, साधु-संतों, युवाओं और आश्रम प्रबंधन को ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर अपराधों से बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी गई।
यह कार्यशाला परमार्थ निकेतन और सेफर इंटरनेट इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में, स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में आयोजित हुई। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (14 सी), गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक श्री निशांत कुमार ने प्रतिभाग किया और प्रशिक्षण सत्र का नेतृत्व किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, संत मुरलीधर जी, श्री निशांत कुमार जी ने दीप प्रज्वलित कर साइबर जागरूकता कार्यशाला का शुभारम्भ किया।
श्री निशांत कुमार ने कार्यशाला में बताया कि किस प्रकार धार्मिक आस्थाओं, तीर्थ स्थलों और ट्रस्टों को निशाना बनाकर साइबर अपराधी झूठे दावे, लिंक, वेबसाइट, क्यूआर कोड और डिजिटल पेमेंट फ्रॉड के माध्यम से धोखा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि सावधानी, सतर्कता और साइबर हाइजीन ही इसका प्रमुख उपाय है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को डिजिटल पेमेंट, यूपीआई, ओटीपी, फर्जी कॉल्स, फिशिंग ईमेल्स और सोशल मीडिया फ्रॉड से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कीं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा, आस्था के स्थानों को अब साइबर सुरक्षा की भी आवश्यकता है। पहले केवल तन और मन की सुरक्षा की चिंता थी, अब डिजिटल युग में ‘डाटा और धन’ की भी रक्षा आवश्यक हो गई है। जिस प्रकार हम मंदिरों की सुरक्षा करते हैं, उसी प्रकार अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की सुरक्षा भी धर्म का हिस्सा बन गई है।
स्वामी जी ने कहा कि साइबर जागरूकता आज के समय की मांग है। तीर्थस्थलों, गुरुकुलों, ट्रस्टों और सेवाभावी संस्थाओं को इससे जुड़ी जानकारी होनी चाहिए ताकि वे सेवा कार्यों को सुरक्षित रूप से आगे बढ़ा सकें। डिजिटल अपराध, आध्यात्मिक कार्यों में बाधा बन सकते हैं, अतः यह प्रशिक्षण समाज के लिए एक आवश्यक कदम है।
कार्यशाला में बताया गया कि कैसे 1930 पर कॉल करके साइबर क्राइम की त्वरित रिपोर्ट की जा सकती है और गर्वमेंट वेबसाइट् पर जाकर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज की जा सकती है।
इसके अतिरिक्त, कार्यशाला में एक प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित हुआ जिसमें युवाओं, श्रद्धालुओं और सेवा कार्यों से जुड़े लोगों ने अपने अनुभव साझा किए और साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रश्न पूछे। श्री निशांत कुमार ने सभी प्रश्नों के सरल एवं व्यवहारिक उत्तर देते हुए उपस्थितजनों को साइबर सेफ्टी के लिए प्रेरित किया।
कार्यशाला के अंत में स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने सेफर इंटरनेट इंडिया की टीम और श्री निशांत कुमार जी को पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक स्वरूप रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।
यह कार्यशाला एक सशक्त पहल थी जो यह संदेश देती है कि धर्म, सेवा और तकनीक के संगम में सुरक्षा सर्वोपरि है। ऐसे आयोजन समाज में डिजिटल समझ और सतर्कता को बढ़ावा देकर राष्ट्रनिर्माण में योगदान प्रदान कर सकते हैं।
इस अवसर पर व्यवस्थापक श्री रामअनंत तिवारी जी, स्वामी सेवानन्द जी, श्री विमल बधावन जी, श्री अरूण सारस्वत जी, परेश जी, शोभा जी, शालिनी जी, भारती जी, मनीषा शर्मा जी और परमार्थ निकेतन के वरिष्ठ पदाधिकारीगण, ऋषिकेश एवं आसपास के अनेक संत-महात्मा, छात्र-छात्राएं एवं तीर्थयात्री उपस्थित रहे।
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