June 7, 2025

उज्जैन में माँ क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा पूर्ण होने पर रामघाट पर आयोजित भजन व भक्ति संध्या

*✨उज्जैन में माँ क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा पूर्ण होने पर रामघाट पर आयोजित भजन व भक्ति संध्या*

*💥परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश, डा मोहन यादव जी की गरिमामयी उपस्थिति*

*🌺जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जलस्रोतों के संरक्षण हेतु विचार विमर्श*

*🌻लेजर शो द्वारा अध्यात्म और विज्ञान के अद्भुत संगम के दर्शन*

*🌸आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक गौरव की प्रतीक, माँ क्षिप्रा की निर्मल धारा हेतु संकल्प*

उज्जैन, ऋषिकेश, 6 जून। उज्जैन की पावन धरती, जहाँ हर कण में अध्यात्म की सुगंध और संस्कृतियों की झलक है, वहाँ माँ क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा के सफल समापन अवसर पर रामघाट पर एक विशेष भजन एवं भक्ति संध्या का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मां क्षिप्रा सहित नदियों के प्रति जागरण और संस्कृति के संरक्षण के संकल्प कराया गया।

इस अवसर पर परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, डॉ. मोहन यादव जी की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष आध्यात्मिक ऊँचाइयाँ प्रदान कीं।

कार्यक्रम की शुरुआत माँ क्षिप्रा की आरती से हुई, जिसके पश्चात सुरों की भक्ति संध्या में श्रद्धालुओं ने झूमते हुए ‘जल ही जीवन है’, ‘क्षिप्रा माँ की जय’ आदि भजनों का आन्नद लिया।

इस भक्ति संध्या में दौरान लेजर शो के माध्यम से अध्यात्म और विज्ञान का संगम, के साथ नदियाँ केवल जलधाराएँ नहीं हैं, बल्कि जीवनधाराएँ हैं का संदेश प्रसारित किया गया।

लेजर शो में माँ क्षिप्रा की महत्ता, भारतीय संस्कृति में नदियों की भूमिका और जल संकट की गंभीरता को अत्यंत प्रभावशाली दृश्य प्रभावों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के दौरान जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श हुआ।

विगत सिंहस्थ कुम्भ में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी 55 दिनों तक उज्जैन में रहे तथा मां क्षिप्रा जी की स्वच्छता, अविरलता और निर्मलता के लिये क्षिप्रा एक्शन प्लान का गठन किया। उस दौरान वृहद स्तर पर पौधारोपण का उस क्षेत्र में किया गया था जो आज एक सुन्दर उपवन बना कर तैयार हो गया है।

स्वामी जी ने माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी से कहा कि माँ क्षिप्रा व माँ नर्मदा जी के तटों पर आरती का क्रम प्रारम्भ किया जाये जिसमें परमार्थ निकेतन पूरी तरह से हर सम्भव सहयोग करने के लिये तैयार है। इन दिव्य तटों पर वैदिक गुरूकुल, योग व ध्यान केन्द्र निर्मित करने हेतु भी माननीय मोहन यादव जी व मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन जी से स्वामी जी की विशद् चर्चा हुई।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मध्यप्रदेश, श्री शिव शेखर शुक्ला जी, नवनिर्मित मेलाधिकारी, वाल्मिकपीठाधीश्वर माननीय सांसद श्री उमेशनाथ जी महाराज, माननीय सांसद श्री अनिल फिरोजिया जी और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा नदी का सूखना केवल जल संकट नहीं, संस्कृतियों का संकट है। जब नदियाँ बहती हैं तो पूरी धरा का जीवन मुस्कराता है। हमें नदियों को केवल संसाधन नहीं, साधना समझकर बचाना होगा।

स्वामी जी ने क्षिप्रा नदी को माँ के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि यह सिर्फ उज्जैन या मध्यप्रदेश की नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा की अभिव्यक्ति है। जल है तो कल है। जल केवल प्यास बुझाने का माध्यम नहीं, यह धरती का प्राण है। आइए, हम सब मिलकर इस धरती की धमनियों अर्थात हमारी नदियों को स्वच्छ, अविरल व निर्मल बनाये।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार जल संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है। हम आधुनिक विज्ञान और प्राचीन परंपराओं के संगम से नदियों की शुद्धता और निरंतरता सुनिश्चित करेंगे। क्षिप्रा माँ को स्वच्छ और अविरल बनाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

इस कार्यक्रम कि माध्यम से जन जागरण को जन संकल्प में बदलने का कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं, स्थानीय नागरिकों और युवाओं ने माँ क्षिप्रा को स्वच्छ, निर्मल और अविरल बनाए रखने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में विशेष रूप से विद्यार्थियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नदी प्रेमियों ने सहभाग कर संदेश दिया कि नदी-संरक्षण अब केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की प्राथमिकता बन चुकी है।

माँ क्षिप्रा की निर्मल धारा और उसके संरक्षण के लिए आयोजित यह कार्यक्रम आगामी पीढ़ियों के लिए नदियों की जलधाराओं को सुरक्षित करने की प्रेरणा और प्रयास है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में मुख्य सचिव मध्यप्रदेश श्री अनुराग जैन जी ने विशेष रूप से भगवान महाकाल का पूजन अर्चन कर राज्य की समृद्धि की प्रार्थना की तथा सभी ने मिलकर पहलगाम आतंकी हमले में अपने प्राणों गवाने वालों की आत्मा की शान्ति एवं उनके परिवारों को धैर्य व संबल प्रदान हो इस हेतु विशेष प्रार्थना की।