हरिद्वार। 6वें राज्य वित्त आयोग के तत्वाधान में आयोग के अध्यक्ष एन रवि शंकर की अध्यक्षता में सीसीआर सभागर में स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों, त्रि-स्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधियों तथा राजनैतिक मान्यता प्राप्त पार्टियों के प्रतिनिधियों के विचार-विमर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया तथा सभी से सुझाव लिये गये।
आयोग के अध्यक्ष एन रवि शंकर ने जानकारी देते हुए बताया कि आयोग एक अप्रैल 2026 से अगले पांच साल अर्थात 31 मार्च 2031 तक की अवधि के लिए अपनी सिफारिश देगा। उन्होंने बताया कि आयोग त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति के आंकलन हेतु सभी जनपदों में विचार-विमर्श कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य वित्त आयोग की संस्तुति प्रतिशत में होगी। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग चार मानकों- जनसंख्या, क्षेत्रफल, विशिष्ट परिस्थितियों तथा रेल हैड से दूरी के आधार पर अपनी संस्तुति देगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य गांव से शुरू होता है, पंचायतें आर्थिकी की रीढ़ हैं, पंचायतें सशक्त होने पर विकसित भारत का सपना आसानी से साकार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य विविधता वाला राज्य है और राज्य में अलग-अलग स्थानों पर परिस्थितियां भी अलग हैं, जिस कारण सभी जिलों को एक ही पैरामीटर में रखना कठिन है। उन्होंने कहा कि आयोग एकीकृत चहुॅमुखी विकास की दृष्टि से अपनी संस्तुतियां प्रस्तुत करेगा।
इस दौरान स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों, त्रि-स्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधियों ने जल भराव, फ्लोटिंग जनसंख्या, त्रि-स्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि, आय के संसाधन बढ़ाने हेतु ग्राम पंचायतों को तालाबों के कॉमर्शियल उपयोग हेतु अधिकार देने सहित विभिन्न विषयों पर अपने-अपने सुझाव दिये।
राजनैतिक मान्यता प्राप्त पार्टियों के प्रतिनिधियों बीजेपी जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने फ्लोटिंग आबादी के लिए अलग से वित्तीय व्यवस्था, मेलों के संचालन हेतु राज्य में स्पेशल पुलिस बटालियन की व्यवस्था जोकि राज्य के मेलो के संचालन का कार्य देखे, मेला प्राधिकरण का गठन किया जाये, हिल बायपास, प्राधिकरण के माध्यम से गरीबों के लिए आवास हेतु लैण्ड बैंक स्थापना, कूड़ा प्रबन्धन हेतु विशेष व्यवस्था व ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण मित्रों व स्टाफ उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में तथा कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष चन्द्रपाल ने मध्यम वर्ग के लिए भी आवास योजना, समरसता भवन के विषय में व सीपीआई से राजीव गर्ग द्वारा लिखित में सुझाव पत्र दिया गया। इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न विषयों पर सुझाव दिये।
राज्य वित्त आयोग ने जनप्रतिनिधियों को सुझाव दिये कि जनपद के विकास हेतु सभी त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधि आपसी समन्वय से कार्य करें, आवश्यक बड़ी योजनाओं को विभिन्न विभागों की योजनाओं के साथ कन्वर्जेन्स करते हुए पूरा किया जाये तथा राजस्व साझा करने वाली योजनाओं पर भी फोकस किया जाये। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायते ग्राम स्तर पर, क्षेत्र पंचातयत दो या अधिक ग्रामों को जोड़ने वाले कार्यों को तथा जिला पंचायत बड़े स्तर पर कार्य करें। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत नेट योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर नेट सुविधा हेतु बीएसएनएल के अधिकारियों के साथ वार्ता की जाये।
बैठक में मेयर हरिद्वार किरन जेसल, रूड़की से अनीता अग्रवाल, उपाध्यक्ष जिला पंचायत अमित कुमार, ब्लॉक प्रमुख नितीश कुमार, करूणा कर्णवाल, राव लुबना, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, अपर जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश सहित जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।
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