July 11, 2025

जिला स्तरीय विभागीय प्रगति समीक्षा बैठक आयोजित: विकास कार्यों में तेजी लाने और ग्राम विकास अधिकारियों के लापरवाही पर रोका वेतन

*जिला स्तरीय विभागीय प्रगति समीक्षा बैठक आयोजित: विकास कार्यों में तेजी लाने और ग्राम विकास अधिकारियों के लापरवाही पर रोका वेतन*

हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित जिला मुख्यालय विकास भवन में आज मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) श्रीमती आकांक्षा कोण्डे की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण जिला स्तरीय विभागीय प्रगति समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें परियोजना निदेशक डीआरडीए श्री कैलाश नाथ तिवारी, जिला विकास अधिकारी श्री वेदप्रकाश, डीपीआरओ श्री अतुल प्रताप सिंह, सीएचओ श्री तेजपाल सिंह, सहायक परियोजना निदेशक सुश्री नलिनीत घिल्डियाल, समस्त खंड विकास अधिकारी, डीपीएम श्री संजय सक्सेना, समस्त सहायक प्रबंधक ग्रामोत्थान परियोजना, मनरेगा से देवेंद्र सिंह, समस्त डीपीओ और अन्य अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।

बैठक का मुख्य उद्देश्य ग्राम्य विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना था। सीडीओ ने मनरेगा स्कीम के तहत होने वाले अभिसरण कार्यों, अमृत सरोवर परियोजनाओं और अन्य विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बचे हुए सर्वेक्षण कार्यों को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए।

इसके अतिरिक्त, विकासखंड में कार्यभार हस्तांतरित न करने वाले 9 ग्राम विकास अधिकारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए, जो कि कार्य के प्रति गंभीरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक सख्त कदम है।

ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के अंतर्गत संचालित विभिन्न एंटरप्राइजेज की प्रगति की भी समीक्षा की गई। सीडीओ ने प्रत्येक विकासखंड स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा बैठकें आयोजित कर उनकी रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए, ताकि परियोजनाओं की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जा सके।

मुख्य विकास अधिकारी ने मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), पीएमजीएसवाई, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना और एनआरएलएम के लक्ष्यों की पूर्ति पर विशेष जोर दिया। उन्होंने मनरेगा के तहत कृषि आधारित एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (एनआरएम) कार्यों को निर्धारित मानकों के अनुसार समय पर पूर्ण करने के भी सख्त निर्देश दिए। इस बैठक का उद्देश्य जिले में विकास कार्यों में तेजी लाना और लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना था।