July 19, 2025

परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा बाघखाला, राजाजी नेशनल पार्क में शिवभक्तों के लिये निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

*💥परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा बाघखाला, राजाजी नेशनल पार्क में शिवभक्तों के लिये निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन*

*🌺स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के मार्गदर्शन व आशीर्वाद से गुरूपूर्णिमा से शुरू हुये निःशुल्क चिकित्सा शिविर के माध्यम से प्रतिदिन 14 घन्टे प्रदान की जा रही है स्वास्थ्य सुविधायें*

*💐18 से 20 नर्सेज़, चिकित्सकों और स्वयं सेवकों की टीम प्रतिदिन तीन से पांच हजार शिवभक्तों को स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान कर रही*

*✨परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज स्वास्थ्य शिविर में सेवायें प्रदान कर रही टीम से भेंटकर उनका हालचाल लिया और उत्साहवर्द्धन किया*

*🌺सेवा ही सच्ची साधना*

*🙏🏾स्वामी चिदानन्द सरस्वती*

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के मार्गदर्शन व प्रेरणा से राजाजी नेशनल पार्क, बाघखाला में चल रहा निःशुल्क चिकित्सा शिविर, शिवभक्ति और सेवा का अनुपम संगम है। गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रारम्भ हुए इस स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से प्रतिदिन हजारों शिवभक्तों को स्वास्थ्य सेवाएँ निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं।

इस स्वास्थ्य सेवा शिविर में प्रतिदिन 18 से 20 नर्सेज, चिकित्सकों और स्वयं सेवकों की समर्पित टीम सुबह 06 बजे से रात 8 बजे तक, लगभग 14 घण्टे प्रतिदिन निरंतर सेवायें देकर 3000 से 5000 शिवभक्तों का उपचार कर रही है। नीलकंठ जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिये यह सेवायें जीवनदायिनी साबित हो रही है।

आज परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने स्वयं शिविर में सेवायें प्रदान कर रही चिकित्सा टीम से भेंट की, उनका हालचाल लिया और उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।

स्वामी जी ने कहा कि सेवा ही सच्ची साधना है। यह निःस्वार्थ सेवा शिविर न केवल शिवभक्तों की शारीरिक पीड़ा को दूर कर रहा है साथ ही यह करूणा की अभिव्यक्ति का एक जीवंत उदाहरण है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने चिकित्सकों, नर्सों और सेवा कार्य में लगे समर्पित स्वयंसेवकों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि “हमारा उद्देश्य केवल चिकित्सा देना नहीं है, बल्कि तीर्थयात्रा को सुरक्षित, स्वच्छ और सत्कारमय बनाना है। यह शिविर एक संदेश है कि जब अध्यात्म और विज्ञान, श्रद्धा और सेवा, ध्यान और चिकित्सा साथ चलें, तभी सम्पूर्ण कल्याण सम्भव है।”

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि कांवड़ यात्रा श्रद्धा, साधना और संयम का महा संगम है। यह पवित्र जल लाने की एक दिव्य परंपरा के साथ आत्मशुद्धि, प्रकृति-प्रेम और समाजसेवा का जीवंत उदाहरण है। लाखों शिवभक्त जब नंगे पांव, हरहर महादेव के जयघोष के साथ यात्रा करते हैं, तो यह राष्ट्र की आध्यात्मिक शक्ति को जाग्रत करते हैं।

स्वामी जी ने कांवड यात्रियों व शिवभक्तों का आह्वान करते हुये कहा कि यात्रा के दौरान स्वच्छता, शांति, अनुशासन और सद्भाव का पालन करें। यही सच्ची शिवभक्ति है। शिवजी केवल मंदिरों में नहीं, हमारे व्यवहार, करुणा और सेवा में प्रकट होते हैं। यही शिवत्व को जीवन में उतारने का मार्ग भी है।”

शिविर में सामान्य चिकित्सा, प्राथमिक उपचार, ब्लड प्रेशर, शुगर जांच, दवा वितरण आदि सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। साथ ही, तीर्थयात्रियों को स्वच्छता, जल संरक्षण, पर्यावरण के प्रति जागरूकता और योग-प्राणायाम की भी प्रेरणा दी जा रही है। साथ ही बैराज ले लेकर स्वर्गाश्रम तक जल मन्दिरों व जल टैंकर के माध्यम से स्वच्छ पेयजल सेवायें भी परमार्थ निकेतन द्वारा प्रदान की जा रही हैं।

स्वामी जी कावंड यात्रा को स्वच्छ, सुरक्षित और सहज बनाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड़ श्री पुष्कर सिंह धामी जी और पूरी टीम को धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर परमार्थ निकेतन की टीम, ग्लोबल इंटरफेथ एलायंस, डिवाइन शक्ति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया।