August 22, 2025

भारत की उद्यमिता, सेवा और सनातन प्रेरणा

*💥विश्व उद्यमी दिवस*

*✨भारत की उद्यमिता, सेवा और सनातन प्रेरणा*

*💫योग से स्टार्टअप तक, भारत का वैश्विक उद्यमिता योगदान*

*💐भारत, केवल बाजार नहीं, परिवार और प्रेरणा का स्रोत*

*🌸सनातन परंपरा से डिजिटल युग तक उद्यमिता में भारत का नेतृत्व*

*☘️विश्व उद्यमिता का नया मंत्र, भारत का लोकल से ग्लोबल सफर*

*🙏🏾स्वामी चिदानन्द सरस्वती*

ऋषिकेश, 21 अगस्त। आज जब पूरी दुनिया विश्व उद्यमी दिवस मना रही है, ऐसे में भारत की भूमिका और उसका योगदान विशेष है। भारत, केवल एक देश नहीं, बल्कि एक विचार है। भारत केवल बाजार नहीं, बल्कि परिवार है और एक प्रेरणा का स्रोत है। यहाँ उद्यमिता का अर्थ केवल व्यापारिक गतिविधि या धन अर्जन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि मानवता की सेवा, समाज के उत्थान और विश्वकल्याण की दिशा में एक सतत प्रयास रहा है।

भारत की मिट्टी में उद्यमिता का बीज सनातन काल से ही अंकुरित है। नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय केवल शिक्षा के केन्द्र नहीं थे, बल्कि ज्ञान के वैश्विक उद्यम थे, जहाँ से पूरी दुनिया को विद्या, चिकित्सा और गणित का प्रकाश मिला। प्राचीन भारत का वाणिज्य, मसालों और वस्त्रों से लेकर धातु और शिल्प तक, दुनिया भर में प्रसिद्ध था। यही कारण है कि भारत को “सोने की चिड़िया” कहा गया लेकिन भारत की सबसे बड़ी उद्यमिता आध्यात्मिकता में रही। योग, आयुर्वेद, ध्यान और वेदांत, ये ऐसे अनमोल उपहार हैं जो भारत ने दुनिया को दिए और जिन्होंने करोड़ों लोगों के जीवन को स्वस्थ, संतुलित और समृद्ध बनाया।

भारत का योगदान अद्वितीय है। शून्य का आविष्कार और गणित का विकास आधुनिक विज्ञान और तकनीक के लिए आधारशिला बना। योग ने शरीर, मन और आत्मा के सामंजस्य का मार्ग दिखाया। आयुर्वेद ने जीवन को स्वस्थ और संतुलित बनाने की चिकित्सा दी और “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना ने यह संदेश दिया कि पूरी दुनिया एक परिवार है। यही भारत की उद्यमिता की असली पहचान है, जहाँ लाभ केवल भौतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक भी है।

आज का भारत 21वीं सदी में एक नए स्वरूप में उद्यमिता का नेतृत्व कर रहा है। यह भारत डिजिटल क्रांति का अग्रदूत है। यह भारत ग्रीन एनर्जी और सतत विकास की राह दिखा रहा है। यह भारत स्टार्टअप्स का नया वैश्विक केंद्र बन चुका है। “लोकल से ग्लोबल” का मंत्र आज भारत की अर्थव्यवस्था और उद्यमिता की आत्मा बन गया है। युवा शक्ति और नारी शक्ति मिलकर नए भारत का भविष्य गढ़ रहे हैं।

भारत का उद्यम केवल मुनाफे तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में नैतिकता, सेवा और समर्पण का उदाहरण है। वर्तमान समय में हमें एक ऐसे उद्यम की आवश्यकता है जो पर्यावरण को संरक्षित रखें गाँव से लेकर शहर तक सभी को जोड़कर चले, और जिसमें हर युवा, हर महिला को अवसर और सम्मान मिले। ऐसा उद्यम जो धर्म और धन, दोनों को संतुलित करके एक नई मानवतावादी अर्थव्यवस्था का निर्माण करे।

विश्व उद्यमी दिवस केवल उद्यमिता का उत्सव नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का स्मरण है। यह स्मरण कि उद्यम वह है जो सबके जीवन में प्रकाश और समृद्धि लाए। भारत का संदेश दुनिया से यही है कि सफलता साझा करो, समृद्धि में सबको भागीदार बनाओ और नवाचार में संस्कृति व नैतिकता का समावेश करो।

भारत का अतीत हमें गौरव से भरता है, वर्तमान हमें आत्मविश्वास देता है और भविष्य हमें प्रेरित करता है कि हम अपने उद्यम को मानवता के कल्याण का माध्यम बनाएँ। आज विश्व उद्यमी दिवस पर भारत से उठती यह आवाज सम्पूर्ण विश्व को प्रेरित करे कि उद्यम वही है जो सबको साथ लेकर चले और सबके जीवन को उजाला दे।