September 21, 2025

अखाड़ा परिषद ने आपदा राहत में निभाई अग्रणी भूमिका, मुख्यमंत्री धामी ने किया संत समाज के योगदान का अभिनंदन

हरिद्वार ।*अखाड़ा परिषद ने आपदा राहत में निभाई अग्रणी भूमिका, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने किया संत समाज के योगदान का अभिनंदन*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से आज डामकोठी, हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर परिषद द्वारा हाल ही में उत्तराखण्ड में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष में ₹34 लाख की सहयोग राशि प्रदान की गई।

*संत समाज ने मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की*

अखाड़ा परिषद के संतों ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के ग्राउंड जीरो पर जाकर प्रभावितों से सीधे संवाद करते हुए और राहत कार्यों की स्वयं निगरानी करने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों के बीच पहुंच कर दुख दर्द बांट रहे है तथा मुख्यमंत्री ने प्रत्येक प्रभावित परिवार को भरोसा दिलाया है कि सरकार संकट की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने अखाड़ा परिषद के इस प्रयास की हार्दिक सराहना करते हुए भावुक होते हुए कहा कि “ *उत्तराखण्ड की सेवा परंपरा में साधु-संत समाज का योगदान सदैव अग्रणी रहा है। आपदा के इस कठिन समय में संत समाज का सहयोग न केवल पुनर्निर्माण में सहायक है, बल्कि यह प्रभावित लोगों के लिए आशा और संबल की किरण भी बनता है।”* मुख्यमंत्री ने कहा कि साधु समाज का यह प्रयास अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा दायक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य कर रही है, और समाज के सभी वर्गों से मिल रहे सहयोग से कार्यों को और गति मिल रही है।

इतना ही नहीं, परिषद ने एक आपदा प्रभावित गांव को गोद लेने का भी noble संकल्प लिया, जिसे मुख्यमंत्री ने सेवा और संवेदना का अनुकरणीय उदाहरण बताया।

इस दौरान महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी महाराज, श्री पंचायती नया अखाड़ा उदासीन अध्यक्ष महंत धुनी दास जी, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद,बाबा हठयोगी, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश,पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद,राज्यमंत्री देशराज कर्णवाल,जिलाधिकारी मयूर दीक्षित,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल सहित अन्य अखाड़ा परिषद के साधु संत उपस्थित रहे।