परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि नर्सेस ने जिस तरह स्वास्थ्य सेवाओं को एक नया आकर दिया वह वास्तव में अद्भुत है। नर्सेस ने कोविड के दौरान कोविड आईसीयू वार्ड में 6 से 7 घन्टे और शायद इससे भी अधिक समय तक पीपीई किट पहनकर अपने जीवन को जोखिम में डालकर कोविड रोगियों की देखभाल की हैं यह उनके हृदय की विशालता को दर्शाता हैं।
कोरोना महामारी के कारण पूरा राष्ट्र सहम सा गया था, सब डरे हुये थे ऐसे में नर्सेस और अन्य स्वास्थ्य कर्मी अस्पतालों में जिन्दगी के लिये संघर्ष कर रहे रोगियों की उखड़ती सांसों को बचाने के साथ उन्हें जीने की उम्मीद और हौसला देते रहें।
कोविड -19 के समय में लोगों के स्वास्थ्य, रोगियों की देखभाल व स्वास्थ्य सेवाओं में कई बड़े परिवर्तन हुये। नर्सेस को अपने एप्रन की जगह पीपीई किट और फेस शील्ड पहनकर कोविड -19 आईसीयू में रोगियों की देखभाल करना पडा ऐसे में हर समय उनके सामने अपने जीवन का खतरा बना रहता है परन्तु नर्सेस ने इस संकट का नेतृत्व बड़ी ही निष्ठा के साथ एक क्रान्ति के रूप में किया और अब भी कर रही हैं।
स्वामी जी ने कहा कि नर्सेज़, रोगियों को स्वस्थ करने हेतु एक माँ की तरह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन देवियों (नर्स) ने वैश्विक स्तर पर सामाजिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिये जो योगदान दिया वह सेवा, सहायता और समर्पण का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। सार्वभौमिक स्वास्थ्य और देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य, संचारी और गैर-संचारी रोगों से पीड़ित रोगियों तथा आपातकालीन स्थिति में नर्सों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। व्यक्ति, समाज और सरकार सभी स्तर पर नर्सों के हितों की रक्षा का ध्यान रखना जरूरी है। हम सभी को ध्यान रखना होगा कि वर्तमान समय में कोविड-19 के इस दौर में स्वच्छता और फिज़िकल डिसटेंसिंग का पालन करें तथा कीटाणुशोधन संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण का भी ध्यान रखें ताकि नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा बनी रहे।
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