हरिद्वार: अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व)/मुख्य अधिशासी अधिकारी जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण श्री बीर सिंह बुदियाल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को कलक्ट्रेट सभागार में आगामी मानसून सत्र के दृष्टिगत प्रारम्भिक तैयारियों के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित हुई।
अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व)/मुख्य अधिशासी अधिकारी जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण को बैठक में आपदा प्रबन्धन अधिकारी सुश्री मीरा रावत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में जिला आपदा प्रबन्धन कार्ययोजना वर्ष 2023-24 के बारे में विस्तार से चर्चा हुई जिसका मुख्य अधिशासी अधिकारी जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा अनुमोदन किया गया तथा उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपनी-अपनी बाढ़ प्रबन्धन कार्ययोजना तीन दिन के भीतर उपलब्ध करायें तथा मानसून के दौरान किसी भी क्षति की सूचना जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्र में पंजीकृत कराने के साथ ही सभी विभागों को आपदा कंट्रोल रूम के नम्बरों को शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों की दीवारों पर चस्पा करने एवं सभी तहसीलों को वर्षा के आंकड़ों को प्रातः 08 बजे तक लिखित रूप में कंट्रोल रुम को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
बैठक में बाढ़ चौकियों का जिक्र करते हुये अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) ने एसडीएम लक्सर से बाढ़ चौकियों के सम्बन्ध में जानकारी ली तथा निर्देश दिये कि तहसील लक्सर अन्तर्गत नई बाढ़ चौकी स्थापित करने हेतु सुरक्षित स्थान का चयन कर यथाशीघ्र प्रस्ताव उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कोविड-19 का उल्लेख करते हुये निर्देश दिये कि जनपद के सभी तहसील, कोविड-19 के अन्तर्गत मृतकों के वारिसानों को दी जाने वाली सहायता राशि, न चाहने वाले परिवारांे स,े प्रमाण पत्र उपलब्ध करायें।
अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) ने बैठक में स्थानीय निकायों, लोक निर्माण विभाग, सिचाई विभाग, जिला पंचायतराज विभाग को निर्देशित किया कि वे सभी छोटे-बड़े नाली व नालों, कलवर्ट की समुचित साफ-सफाई 10 जून तक करना सुनिश्चित करें तथा जल भराव वाले स्थानों पर सम्बन्धित विभाग पम्पसेट व कार्मिकों की तैनाती करें तथा आगामी मानसून के दृष्टिगत सभी कंट्रोल रूम में स्थापित बेस फोनों की समुचित जांच करते हुए कंट्रोल रूम में तैनात कार्मिकों की सूची जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र को 10 दिन के भीतर उपलब्ध कराते हुये अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
श्री बीर सिंह बुदियाल ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानसूनकाल से पूर्व बरसाती नालों तथा नदियों की अतिक्रमित भूमि पर निर्मित भवनों को यथा आवश्यक अतिशीघ्र खाली करा दिया जाए तथा इस सम्बन्ध में जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे जनपद में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आपदा से पूर्व तथा आपदा के बाद फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम हेतु जो योजना बनायी गई है, उसका क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें।
इसके अतिरिक्त बैठक में जनपद अन्तर्गत बाढ़/जल भराव, आपदा प्रभावित संवेदनशील नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों का, चिन्हांकन, संसाधन एवं आवश्यक उपकरणों पर चर्चा, पेयजल, विद्युत, खाद्यान्न, संचार, आवागमन आदि की आपदा की दृष्टि से व्यवस्था, बाढ़ एवं किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिवादन हेतु आपदा कार्यदलों की तैयारी एवं क्षमतावर्द्धन, जिन क्षेत्रों में बाढ़ तथा त्वरित बाढ़ आने की सम्भावना हो, उनमें खनन कार्य रोकने तथा ऐसे सम्भावित क्षेत्रों से आपदा आने से पहले ही मजदूरों आदि को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, मौसम विभाग द्वारा स्थापित रेन गेज का रख-रखाव एवं दैनिक वर्षा की सूचना फैक्स/रेडियोग्राम, ई-मेल द्वारा प्रतिदिन भेजने, खोज एवं बचाव कार्यों में प्रशिक्षित पुलिस कार्मिकों को आवश्यक उपकरणों सहित सम्भावित क्षेत्रों के समीप स्थित थानों/चौकियों में तैनात किया जाने सहित आपदा से सम्बन्धित विभिन्न प्रकरणों पर विस्तृत चर्चा हुई तथा सम्बन्धित को दिशा-निर्देश दिये गये।
इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी श्री मयंक शेखर झा, जिला विकास अधिकारी श्री वेद प्रकाश, एसडीएम लक्सर श्री गोपाल राम बिनवाल, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण श्री विक्रम सिंह, सहायक परियोजना निदेशक सुश्री नलिनीत घिल्डियाल, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, वार्डन राजाजी नैशलन पार्क, समस्त अधिशासी अभियन्ता-सिंचाई, लोक निर्माण, पेयजल, विद्युत,सी०आई०एस०एफ०, पुलिस विभाग के अधिकारियों सहित 90 विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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