November 24, 2024

सीबीएसई बोर्ड द्वारा दो माह बाद भी रिजल्ट अपडेट नहीं

  • बाल मंदिर स्कूल, कक्षा-10 के छात्र आये टेंशन में
  • बोर्ड एवं स्कूल कर रहा छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़

हरिद्वार। बाल मंदिर स्कूल, भेल हरिद्वार का कक्षा-10 का रिजल्ट सीबीएसई बोर्ड अभी तक भी रिजल्ट को अपडेट ना किये जाने का मामला फिर से तुल पकडता नजर आ रहा है। जिसको लेकर सैकडों बच्चों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।  10 क्लास का रिजल्ट मार्च मे घोषित किया गया था तब छात्रों ने देखा कि रिजल्ट में अंक 10 मे से दिए गए है पता चला कि स्कूल की ओर से गलती हुई है। सभी छात्र एवं अभिभवाक, राजनैतिक दल स्कूल पहुचे जिसमे बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी  स्कूल भेल हरिद्वार द्वारा गलती से 20 मार्क के स्थान पर 10 मार्क मे से बोर्ड को अंक भेज दिए थे।  इस संबंध में डायरेक्टर बोर्ड को भी सूचित किया गया था  स्कूल के 11-12 शिक्षको को निलंबित भी किया गया है। लेकिन बोर्ड द्वारा अभी तक भी बच्चो का कक्षा-10 का रिजल्ट अपडेट नहीं किया गया है। जिसके संबंध में बच्चों द्वारा बोर्ड सचिव को प्रार्थना पत्र भी ई-मेल द्वारा भेजे गये है कि हमारा रिजल्ट बोर्ड द्वारा अपडेट नही होने के कारण हम टेंशन में है उनका कहना है कि इसमें हम बच्चो की क्या गलती है जिसकी गलती थी उनको उसकी सजा भी मिल गयी है।
बोर्ड एवं स्कूल की गलती है रिजल्ट अपडेट अभी तक नहीं होने के कारण  स्टूडेंट्स गुस्से में हैं. कई राजनीतिक दल भी उनके साथ है  और वह सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. सीबीएसई बोर्ड के प्रति छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. फिलहाल सीबीएसई बोर्ड ने रिजल्ट अपडेट की कोई तारीख नहीं बताई है. कालेज द्वारा छात्रों/अभिभावकों/राजनीतिक दलों को यह बताया गया था कि सीबीएसई बोर्ड की ओर से एक सप्ताह में रिजल्ट अपडेट कर दिया जायेगा। लेकिन अब लगभग दो माह बीत चुके है कोई अपडेट रिजल्ट नहीं हुआ। उनका सीधा सा सवाल है कि इसमें गलती किसकी है बच्चों का क्या दोष? क्योंकि यहां सवाल बोर्ड पर भी यह उठता है कि जब बोर्ड द्वारा आतंरिक परीक्षा के मार्क अपलोड /चैक किए जा रहे थे कि उनको भी यह देखना चाहिए था कि ये मार्क 20 के स्थान पर 10 में से दिये गये है। इनको तभी ठीक कराया जा सकता था। इसमें सभी गलती कालेज की ही क्यों? बोर्ड की भी उतनी ही गलती है।  बोर्ड के कर्मचारियों को भी सजा मिलनी चाहिए। तभी किसी और के गुनाह और सीबीएसई बोर्ड के सिस्टम में खोट की सजा बच्चों को क्यों दी जा रही है?

You may have missed