May 24, 2025

उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी नैनीताल द्वारा आयोजित कार्यशाला में Psychalogical Impacts of Natural Disater Implications for Disater Mental Health and Trauma पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण

हरिद्वार। प्रोफेसर डॉ. नरेश चौधरी ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं इंडियन रेडक्रास का प्रतिनिधित्व करते हुए उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी नैनीताल द्वारा आयोजित कार्यशाला में Psychalogical Impacts of Natural Disater Implications for Disater Mental Health and Trauma पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त कियां।

ऋ़षिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविधालय के प्रोफेसर डॉ. नरेश चौधरी ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं इंडियन रेडक्रास का प्रतिनिधित्व करते हुए उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी नैनीताल द्वारा आयोजित कार्यशाला में Psychological Impacts of Natural Disater Implications For Disater Mental Health and Trauma (प्राकृतिक आपदाओं के मनोवैज्ञानिक प्रभाव से मानसिक स्वास्थ्य और अभिघात के आयामो पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया। डॉ. नरेश चौधरी द्वारा पूर्व में विभिन्न प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं मे भी चुनौती पूर्ण उत्कृष्ठ कार्य किये गये। जिसके लिये डॉ. नरेश चौधरी ने जनपद हरिद्वार एवं उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का नाम उत्तराखण्ड ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत एवं विश्व में गौरवान्ति किया। 2013 में आयी केदारनाथ की भयानक दैवीय आपदा, कुम्भ मेलों, सोमवती अमावस्या जैसे वृहद स्नान पर्वों पर आयी मानव जनित भगदड़ जैसी आपदायें तथा कोविड- 19 जैसी प्राकृतिक जैविक आपदा में जो समर्पित उत्कृष्ठ कार्य डॉ. नरेश चौधरी द्वारा किये गये वह जीते जागते उदाहरण हैं जिसके लिये डॉ. नरेश चौधरी को महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, नीति आयोग, केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, विभिन्न वरिष्ठ मंत्रियों, उच्च अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं तथा सामाजिक संस्थाओं एवं जन समाज द्वारा विभिन्न प्लेटफार्मो पर समय-समय पर सम्मानित भी किया गया। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्विविद्यालय के कुल सचिव रामजी शरण शर्मा ने कहा कि डॉ. नरेश चौधरी के आपदाओं में किये कार्यों के अनुभव एवं आपदा विशेषज्ञा के मध्य नजर रखते हुए उन्हें इस प्रकार के प्रशिक्षण कराकर विश्वविद्यालय से संबंध सभी आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथिक कालेजों के संकाय सदस्यों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं को भी लाभ मिल सकेगा। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुल सचिव रामजीशरण शर्मा ने अवगत कराते हुए कहा कि विश्वविद्यालय से संबंध सभी कालेजों में आपदा प्रकोष्ठ का गठन किया जायेगा तथा डॉ. नरेश चौधरी को विश्वविद्यालय की तरफ जागरूकता अभियान चलाकर शीध्र ही आपदाओं के प्रति मानसिक रूप से तैयार करने के लिये नोडल अधिकारी भी नामित किया गया। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अरुण त्रिपाठी एवं जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने भी डॉ. नरेश चौधरी अपने मूल दायित्वों के निर्वहन के साथ आपदाओं में भी समर्पित जन समाज सेवा के लिये हमेशा अग्रणीय रहते हुए अधिक से अधिक कार्यशलाओं, सेमिनार के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करते हैं तथा उक्त ज्ञान एवं अपने अनुभव को जन समाज में समर्पित होकर प्रचार- प्रसार करते हुए जिससे इसका सीधा लाभ जमीनी जरूरतमंदों को मिलता है। इस प्रकार के कार्यो से ही डॉ. नरेश चौधरी की उल्लेखनीय एवं अतुलनीय पहचान है ,जिसकी जन समाज भी हमेशा सराहना करता है।

कार्यशाला में उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से आये हुए प्रतिनिधियों को भी डॉ. नरेश चौधरी द्वारा किये गये समर्पित उत्कृष्ट कार्यों से रूबरू कराया गया जिससे उनके द्वारा भी अपने-अपने मूल दायित्वों के साथ समर्पित सामाजिक सेवा करने के लिये प्रेरणा मिल सके। उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी से अपर निदेशक आर.के.पालीवाल, संयुक्त निदेशक डॉ. महेश कुमार, आपदा प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. ओमप्रकाश एवं कोर्स डायरेक्टर डॉ. मंजू पाण्डे ने भी डॉ. नरेश चौधरी को प्रमाण पत्र देकर बधाई देते हुए उनके द्वारा आपदाओं में किये गये कार्यों की सराहना की।