हरिद्वार । *आपदा तंत्र को मजबूत करने के लिए आपदा मित्रो (ग्रामीण स्वयंसेवको)के लिए 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ*
*आगामी मानसून,चारधाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत सुरक्षित ढंग से संचालित करने के लिए तथा कोई घटना गठित होने पर त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों के लिए दिया जा रहा है प्रशिक्षण।*
*एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के जवान भी हुए प्रशिक्षण में शामिल।*
आगामी मानसून,चार धाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत किसी भी प्रकार की आपदा गठित होने पर, त्वरित राहत एवं बचाव कार्य करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में जनपद के आपदा मित्रो (ग्रामीण स्वयंसेवको) को 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज कलेक्ट्रेट स्थित आपदा प्रबंधन कार्यालय सभागार में किया गया।
परीक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत ने कहा कि आपदा की दृष्टि से जनपद हरिद्वार संवेदनशील है जहां बाढ़ की स्थिति से जलभराव ,भूस्खलन,गंगा घाटों पर यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत किसी भी प्रकार की घटना गठित होने पर उसमें तत्काल राहत एवं बचाव कार्य के लिए यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है ,उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल हुए आपदा मित्रो (ग्रामीण स्वयंसेवको) से कहा कि उन्हें आपदा प्रबंध के संबंध में जो भी प्रशिक्षण एवं जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है ,उसे भली भांति समझ ले ताकि कोई भी घटना गठित होने पर त्वरित राहत एवं बचाव कार्य करते हुए, जानमाल की हानि को कम किया जा सके।
उन्होंने ये भी निर्देश दिए है कि कोई भी घटना गठित होने पर उसकी सूचना आपदा कंट्रोल रूम को उपलब्ध करने के साथ ही
घटना स्थल की सही लोकेशन उपलब्ध कराई जाए ताकि राहत एवं बचाव कार्य के लिए आपदा प्रबंधन टीम घटना स्थल पर पहुंच सके ।
उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी प्रकार आपदा गठित होने पर हुए नुकसान का अभिलेखी करण भी जरूरी है,जिससे कि राहत एव बचाव कार्य के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा सके,उन्होंने ये भी कहा कि सभी आपदा मित्र आपदा कंट्रोल रूम के नंबरों का व्यापक प्रचार प्रसार करे ताकि दूर दर्ज क्षेत्रों में कोई घटना गठित होने पर इसकी जानकारी आपदा कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराई जा सके।
इस अवसर पर एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर पंकज सिंह ने किसी भी आपदा के गठित होने पर कम से कम समय में राहत एवं बचाव कार्य करते हुए ताकि कम से कम नुकसान हो।
उन्होंने भूकंप आने पर भूकंप आने, बाढ़ आने, भूस्खलन होने,अग्नि से दुर्घटना गठित होने,नदी में डूबने आदि के संबंध में बरती जाने वाली सावधानी के संबंध में जानकारियां उपलब्ध कराई गई।
इस अवसर पर उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ विपिन चंद ने कहा कि किसी भी आपदा में घायल व्यक्तियों को त्वरित प्राथमिक उपचार एव बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में जानकारी दी।
दूसरे सत्र में अग्निशमन अधिकारी ने आपदा मित्रो को जानकारी देते हुए कहा कि आगजनी के घटना गठित होने पर त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के लिए की जाने वाली करवाई एवं बरती जाने वाली सावधानी के संबंध में भी विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई।
इस अवसर पर पुलिस उपाध्यक्ष शिशुपाल सिंह नेगी ने भी आपदा प्रबंधन एव वाटर रेस्क्यू के संबंध में जानकारी दी गई।
इस अवसर पर हरिद्वार,लक्सर,रुड़की के आपदा मित्र (ग्रामीण स्वयंसेवको) सहित एनडीआरएफ,एसडीआरएफ के जवान मौजूद रहे।
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