*🩺परमार्थ निकेतन में दो दिवसीय निःशुल्क मल्टीस्पेस्लििस्ट चिकित्सा शिविर का आयोजन मेदान्ता द मेडेसिटी, हॉस्पिटल, गुडगांव के सहयोग से आयोजित*
*✨सैकड़ों साधु-संतों, तीर्थयात्रियों और हिमालयी क्षेत्र के स्थानीय नागरिकों ने लाभ प्राप्त किया*
*💥परमार्थ निकेतन स्वामी शुकदेवानन्द चैरिटेबल हास्पिटल में प्रत्येक माह मल्टीस्पेस्लििस्ट चिकित्सा शिविरों का आयोजन*
*✨मेदान्ता द मेडेसिटी, हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में दीप प्रज्वलित कर किया शुभारम्भ*
*💐दो दिवसीय मल्टीस्पेस्लििस्ट चिकित्सा शिविर में ईसीजी, बीपी, ब्लड शुगर एवं पीएफटी जांच के साथ निःशुल्क दवाईयों का वितरण*
ऋषिकेश, 18 जून। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में मेदान्ता द मेडेसिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम के सहयोग से दो दिवसीय निःशुल्क मल्टीस्पेस्लििस्ट चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन आशीर्वाद से सम्पन्न हुआ, जिसमें सैकड़ों साधु-संतों, तीर्थयात्रियों और हिमालयी क्षेत्र के स्थानीय निवासियों ने चिकित्सा लाभ प्राप्त किया।
शिविर का शुभारंभ मेदान्ता द मेडेसिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन की ओर से सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को रूद्राक्ष का पौधे भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया।
शिविर में हृदय रोग, मधुमेह, श्वसन रोग, रक्तचाप, फेफड़ों की कार्यक्षमता (पीएफटी), ईसीजी जांच जैसी प्रमुख जांच और निःशुल्क दवाइयों का वितरण भी किया गया। अत्याधुनिक जांच यंत्रों एवं विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में रोगियों की चिकित्सा जांच की गई और उन्हें उचित परामर्श प्रदान किया गया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा, “हिमालय केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं, यह भारत की आध्यात्मिक आत्मा है। यहां की जनसंख्या भले कम हो, पर इनका योगदान सनातन संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों की रक्षा में अतुलनीय है। अतः इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि अधिकांश चिकित्सकीय संसाधन शहरी क्षेत्रों में केंद्रित होते हैं, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में आम नागरिकों, विशेषकर महिलाओं, बुजुर्गों और संत समाज को मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं के लिए स्वास्थ्य शिविर जीवनदायिनी भूमिका निभाते हैं।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा, स्वास्थ्य ही सच्चा धन है। जब तन स्वस्थ होता है तभी मन और आत्मा की साधना संभव हो पाती है। पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा का अभाव केवल भौतिक संकट नहीं, यह एक सामाजिक और आध्यात्मिक चुनौती भी है। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन द्वारा स्वामी शुकदेवानंद चैरिटेबल हॉस्पिटल के माध्यम से हर माह मल्टीस्पेशलिस्ट चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाता है ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके।
मेदान्ता हॉस्पिटल के वरिष्ठ विशेषज्ञों की टीम, जिनमें कार्डियोलॉजिस्ट, फिजिशियन, पल्मोनोलॉजिस्ट और डाइबिटोलॉजिस्ट शामिल थे, उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविरों के माध्यम से न केवल दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचती हैं, बल्कि चिकित्सा समुदाय को भी सेवा और करुणा का नया अनुभव प्राप्त होता है।
परमार्थ निकेतन का यह सतत प्रयास है कि वह केवल आध्यात्मिक उत्थान ही नहीं, बल्कि शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण को भी अपनी सेवा यात्रा का हिस्सा बनाए। चिकित्सा, शिक्षा, पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में निरंतर कार्य करते हुए संस्था ‘सर्वे सन्तु निरामयाः’ की भावना को साकार कर रही है।
हिमालयी क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवायें विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है। कठिन जीवन परिस्थितियों, दुर्गम भूगोल और कम सुविधाओं के बीच रहने वाली आबादी को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना एक मानवीय कर्तव्य है।
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