हरिद्वार। नशा मुक्ति वाहिनी समिति की महिलाओं ने जनपद के अधिकतर गांवों में चल रहे नशे के कारोबार पर रोक लगाने और ग्राम भौंरी के देशी शराब के ठेके को हटाने की मांग की है। प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए समिति के अध्यक्ष सोरण सिंह ने कहा कि नशा मुक्ति को लेकर प्रदेश सरकार भले ही अभियान चला रही है। लेकिन धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कहा कि नशे के कारोबार पर रोक लगाने को लेकर ग्राम सभा भौरी में नशा मुक्ति वाहिनी का गठन किया गया है। पूर्व में गांव में कच्ची शराब भारी मात्रा में बेची जाती थी। समिति के सदस्यों ने एकजुट होकर नशे के कारोबारियों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। जिससे कच्ची शराब की बिक्री पर पूर्णतः रोक लग गई है। नशा मुक्ति वाहिनी के प्रयासों से गांव के अनेक लोगों में सुधार हुआ। उन्होंने बताया कि आसपास के गांवों में कच्ची शराब मिल रही है। गांव के कुछ नशेड़ी वहां पहुंचकर शराब का सेवन करने के बाद महिलाओं के साथ मारपीट करते हैं और स्कूली छात्राओं के साथ छेड़छाड भी़ करते हैं। समिति की सचिव उर्मिला ने कहा कि शराब की वजह से महिलाओं को भारी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि समाज हित में शराब के खिलाफ अभियान चला रही महिलाओं को सुरक्षा दी जाए। जानकारी दिये जाने पर पुलिस को तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए। गांव में चल रहे देशी शराब के ठेके को भी तुरंत हटाया जाए। उपाध्यक्ष कान्ता ने कहा कि गांव के छोटे-छोटे बच्चे भी नशे की लत का शिकार हो रहे हैं। जिस पर अंकुश लगाया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गांव में स्थित मेडिकल स्टोर की भी नियमित चैकिंग की जाए। गांव में कुछ लोग स्मैक की बिक्री करते हैं। जिससे युवा वर्ग स्मैक जैसे खतरनाक नशे का शिकार हो रहा है। युवा देश का भविष्य हैं। जिसे बर्बाद नहीं होने दिया जायेगा। गांव देहात के दुकानदार 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को गुटखा, तम्बाकू आदि ना बेचें। संदीप सैनी ने बताया कि वाहिनी की कार्यवाही से परेशान होकर नशेड़ियों द्वारा समिति की महिला कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता की गई। जिसकी जानकारी पुलिस को दी गयी लेकिन कठोर कार्यवाही न होने के चलते नशेडियों के हौंसले बुलंद हैं। नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस प्रशासन को वाहिनी का सहयोग करना चाहिए।
पत्रकार वार्ता में अमरावती, कुसुम, मुन्नी, रीता, मंतलेश, उर्मिला, केशो, मेमता, सरेशो, इन्द्रेश, भरती, त्रिमिलेश, भरपाई, रमेशी, बबली, पिंकी, कमलेश, कुंटा, सोना, सुनीता सहित दर्जनों महिलाएं शामिल रही।
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