November 24, 2024

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने वीर शहीदों की स्मृति में दीपदान कर शहीदों को श्रद्धाजंलि दी

हरिद्वार।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र हरिद्वार द्वारा कारगिल विजय दिवस की संध्या को सतनाम साक्षी घाट स्थित शौर्य स्मारक पर माँ भारती के वीर शहीदों की स्मृति में दीपदान कर शहीदों को श्रद्धाजंलि दी गई।
इस मौके पर आरएसएस के क्षेत्र बौद्धिक शिक्षण प्रमुख सुशील कुमार ने कहा कि आज कारगिल युद्ध कि विजय को 22 वर्ष हो चुके है । भारत मां के सपूतों ने जिस शौर्य और पराक्रम को प्रदर्शित किया वह अनुपम शौर्य की प्रकाष्ठा है, कारगिल युद्ध विश्व में सबसे ऊंचाई वाले दुर्गम परिस्थितियों में लड़ा जाने एवम विजय हासिल करने वाला एक मात्र युद्ध था । हमें अपने क्षेत्र के शहीद परिवारों को चिन्हित करके ऐसे परिवारों को अपने साथ लेकर चलना है। इस अवसर पर प्रेम प्रकाश आश्रम के संचालक संत हिमांशु ने कहा कि हरिद्वार पूरे विश्व के लिए धर्म और अध्यात्म कि प्रेरणा केंद्र रहा है। ऐसे में हमारे गुरुजी कि प्रेरणा से निर्मित शौर्य स्मारक अब हरिद्वार आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों को राष्ट्रीयता कि प्रेरणा देगा, साथ ही स्थानीय लोगो मे भी वीर सैनिकों शौर्य की स्मृति बनी रहेगी।

आरएसएस के नगर सञ्चालक डॉ. यतीन्द्र नागयन ने प्रेम प्रकाश संस्था का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड सैनिकों की भूमि है, यहां के लगभग प्रत्येक गांव से एक युवा सेना में है। कारगिल युद्व में भी प्रदेश के कई वीर जवानों ने आपने प्राणों का बलिदान दिया है। ऐसे ही शहीदों की स्मृति में प्रेम प्रकाश आश्रम द्वारा गंगा तट पर भव्य शौर्य स्मारक की स्थापना कर समाज को प्रेरणा देने का काम किया है। कार्यक्रम में उपस्थित विभाग टोली, नगर टोली, खंड टोली के प्रचारक एवम स्वयसेवकों ने भारत माता की प्रतिमा, वीर राजा दाहिर सेन जी कि प्रतिमा, एवम शहीदों की स्मृति प्रतिमाओं के समक्ष एवम गंगा घाट पर दीप दान कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धाजंलि देने वालो में विभाग प्रचारक शरद कुमार, प्रान्त सद्भावना प्रमुख रमेश उपाध्याय, अनिल गुप्ता, नगर प्रचारक रमेश मुखर्जी, रानीपुर नगर कार्यवाह देवेश वशिष्ठ, अमित शर्मा, देशराज शर्मा, मध्य हरिद्वार मंडल कार्यवाह बलदेव सिंह सह कार्यवाह अमित त्यागी कनखल मंडल कार्यवाह राजेश अग्निहोत्री, सह मंडल कार्यवाह अर्पित अग्रवाल, कमलेश्वर मिश्र सौरभ सारस्वत, गोवर्द्वंन जी आदि कार्यकर्ता शामिल रहे।

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