पतंजलि वैलनेस केन्द्र, पतंजलि योगपीठ-।। में दिव्यता व भव्यता के साथ मनाया गया 8वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
- पतंजलि के साथ देश के करोड़ों लोगों ने मनाया योग का उत्सव: स्वामी रामदेवयोग भारत की सांस्कृतिक विरासत तथा अनुशासित व रोगमुक्त जीवन जीने की कला: स्वामी रामदेव
- मानसिक व शारीरिक विकारों का शमन कर मनुष्य व प्रकृति के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का सशक्त माध्यम है योग: पूज्य स्वामी जी
हरिद्वार। देहरादून, कोटद्वार, रूड़की, लक्सर व हरिद्वार से पतंजलि योग समिति के हजारों कार्यकर्ताओं ने किया योग-सत्र में प्रतिभागआयुष मंत्रालय द्वारा संचालित कार्यक्रम में लाल किले पर आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी के साथ किया योग
सम्पूर्ण मानवता को स्वस्थ शरीर व निरोगी जीवन प्रदान करने तथा योग को प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज के नेतृत्व में पतंजलि वैलनेस केन्द्र, पतंजलि योगपीठ-।। में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीं लाल किले पर आयुष मंत्रलय द्वारा संचालित कार्यक्रम में पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी के साथ योग-सत्र में भाग लिया। इस अवसर पर पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि योग भारत की सांस्कृतिक विरासत है। योग अनुशासित व रोगमुक्त जीवन जीने की कला तथा मानसिक व शारीरिक विकारों का शमन कर मनुष्य व प्रकृति के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का सशक्त माध्यम है। हम पतंजलि वैलनेस में योग व प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से लाखों निराश-हताश रोगियों के जीवन में नयी ऊर्जा व उमंग का संचार कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि योग को प्रचारित-प्रसारित करने में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का बड़ा योगदान है। आजादी के 75 वर्ष में आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत देश के पतंजलि योग समितियों के सहयोग से देश के 75 ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा आईकोनिक स्थानों, 500 जिलों की लगभग 5000 तहसीलों में करोड़ों लागों ने एकरूपता के साथ योग किया। ऐसा प्रतीत होता है मानो भारत के साथ पूरा विश्व एकात्मता के सूत्र में, योगसूत्र में बंध गया हो।निर्धारित समय पर कॉमन योग प्रोटोकॉल के अनुसार योग सत्र प्रार्थना के साथ प्रारंभ हुआ। इसके पश्चात सूक्ष्म व्यायाम में ग्रीवा संचालन, स्कन्ध व भुजाओं का संचालन में स्कन्ध खिंचाव, स्कन्ध चक्र, कटिशक्ति संचालन, कटि संचालन तथा घुटना संचालन का अभ्यास कराया गया। तत्पश्चात खड़े होकर किए जाने वाले आसनों में ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन तथा त्रिकोणासन; बैठकर किए जाने वाले आसनों में दण्डासन, भद्रासन, वज्रासन, अर्द्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन, शशकासन, उत्तानमंडूकासन, मारीच्यासन/वक्रासन; पेट के बल लेटकर किए जाने वाले आसनों में मकरासन, भुजंगासन, शलभासन; पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसनों में सेतु बंधासन, उत्तानपादासन, अर्धहलासन, पवनमुक्तासन तथा शवासन का अभ्यास कराया गया।इसके पश्चात कपालभाति तथा नाड़ी शोधन में अनुलोम-विलोम, शीतली व भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कराया गया। शरीर को स्थायित्व प्रदान करने हेतु ध्यान कराया गया। तत्पश्चात पूज्य स्वामी जी महाराज ने उपस्थित योग साधकों के साथ-साथ पूरे विश्व को अपनी जीवनशैली में योग को शामिल करने हेतु संकल्पित कराया। शांतिपाठ के साथ योग-सत्र का समापन हुआ।पूरे कार्यक्रम के दौरान पतंजलि गुरुकुलम् के विद्यार्थियों ने निरंतर मलखम्ब, कुश्ती, बाक्सिंग, ताइक्वांडो, सूर्यनमस्कार, दण्ड-बैठक तथा योगासनों का प्रदर्शन किया।
मानव सेवा को समर्पित पतंजलि वैलनेस की इंटिग्रेटेड थैरेपी का भी लाईव प्रसारण किया गया। कार्यक्रम में पतंजलि योग समिति देहरादून, कोटद्वार, हरिद्वार व रूड़की के हजारों योग साधकों ने भाग लिया। इनके अतिरिक्त पतंजलि वैलनेस में स्वास्थ्यलाभ ले रहे रोगियों, पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्रओं, पतंजलि गुरुकुलम् के विद्यार्थियों तथा कर्मयोगियों ने बढ़-चढ़कर योग दिवस में शिरकत की।लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि आज करोड़ों की संख्या में लोग घरों से निकलकर योग दिवस में भाग ले रहे हैं, योग का उत्सव मना रहे हैं। योग ने लाखों लोगों को निरोगी बनाया है, आने वाला समय योग का है।कार्यक्रम में भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन श्री एन.पी.सिंह, पतंजलि योग समिति की मुख्य केन्द्रीय प्रभारी पूज्या साध्वी आचार्या देवप्रिया, भारत स्वाभिमान मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भाई राकेश, पतंजलि वैलनेस के निदेशक स्वामी विदेह देव, पतंजलि योग समिति देहरादून की अध्यक्षा बहन सीमा जौहर, ऋषिकेश अध्यक्षा बहन सुनीता, रूड़की अध्यक्ष श्री सुरेश त्यागी जी व कटार सिंह जी, हरिद्वार से भाई प्रभात जी के साथ पतंजलि योग समिति देहरादून, कोटद्वार, रूड़की, लक्सर व हरिद्वार से हजारों कार्यकर्ता योग-सत्र में भाग लेने के लिए पतंजलि पहुँचे। योग साधकों के आवागमन हेतु करीब 70 बसों की व्यवस्था की गई थी।
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