हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने आज दशनामी छड़ी को माया देवी मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना के बाद चारधाम और उत्तराखंड के अन्य मठ मंदिरों की यात्रा के लिए रवाना किया। छड़ी की पूजा के मौके पर जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरि गिरि तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी समेत बड़ी संख्या में संत उपस्थित रहे।
दशनामी छड़ी यात्रा हरिद्वार से शुरू होकर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ, तुंगनाथ और अन्य उत्तराखंड के सभी तीर्थों की यात्रा करते हुए 40 दिन बाद वापस हरिद्वार पहुंचेगी। प्राचीन समय से यह छड़ी यात्रा बागेश्वर से निकाली जाती थी। दो साल पहले जूना अखाड़े के प्रमुख हरि गिरि ने मुख्यमंत्री से इस प्राचीन छड़ी यात्रा को दोबारा शुरू करने की अनुमति मांगी थी। इसके बाद प्राचीन छड़ी यात्रा को हरिद्वार लाकर स्थापित कर दी गई।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि छड़ी की परंपरा बहुत लंबे समय से चल रही है। छड़ी यात्रा यहां से प्रारंभ होकर पूरे उत्तराखंड का भ्रमण करेगी। पूरे उत्तराखंड में जाएगी। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि छड़ी यात्रा के माध्यम से पूरे उत्तराखंड से पलायन रुके, उत्तराखंड से बेरोजगारी दूर हो और समस्त प्रकार की आने वाली विध्न और बाधाएं दूर हो। हमारे यहां आने वाली आपदाएं और विपदाएं समाप्त हो। उत्तराखंड खुशहाल राज्य बने। छड़ी यात्रा निश्चित रूप से इस दिशा में बहुत सकारात्मक संदेश पूरे उत्तराखंड में देगी।
इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कनखल स्थित जगद्गुरु आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज का आशीर्वाद लिया।
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